बिहार में BDO-CO को उत्पाद पदाधिकारी की शक्ति, बिना वारंट गिरफ्तार करने की छूट मिली; कभी भी मार सकेंगे छापा
बिहार सरकार के मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने बीडीओ और सीओ को मद्य निषेध व उत्पाद पदाधिकारी की शक्ति प्रदान कर दिया है। इसके तहत अब बीडीओ-सीओ शराबबंदी को लेकर संदेह के आधार पर किसी समय किसी भी परिसर की तलाशी ले सकेंगे।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए बिहार सरकार ने अहम फैसला लिया है। अब बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) और सीओ (अंचल अधिकारी) भी शराबबंदी अधिनियम के तहत तलाशी या अन्य कार्रवाई कर सकेंगे। शराबबंदी को ग्रामीण स्तर पर और सख्ती से लागू करने के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने यह निर्णय लिया है।
विभाग ने सभी ग्रामीण विकास पदाधिकारियों और राजस्व पदाधिकारियों को मद्य निषेध व उत्पाद पदाधिकारी की शक्ति प्रदान करते हुए इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इससे संबंधित अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
बिना वारंट गिरफ्तार करने की होगी इजाजत
उत्पाद पदाधिकारी की शक्तियां मिलने के बाद बीडीओ-सीओ अब संदेह के आधार पर किसी समय किसी भी परिसर की तलाशी ले सकेंगे। इसके साथ ही मद्य निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार करने या उसके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जा सकेगी।
उत्पाद पदाधिकारियों को मिली थाना प्रभारी की शक्ति
विभाग ने इसी माह एक जून से 36 अनुमंडलों में नए उत्पाद थानों की शुरुआत की है। इसका मकसद ग्रामीण इलाकों में तत्काल छापेमारी व कार्रवाई सुनिश्चित कराना है। अधिसूचना में सभी उत्पाद पदाधिकारियों को अपने अधिकारिता वाले क्षेत्र में थाना के प्रभारी पदाधिकारी की शक्तियां भी प्रदान की गई हैं।
BDO-CO से पहले इनके पास भी अधिकार
मद्य निषेध विभाग ने इससे पहले जिलों में अपर जिला दंडाधिकारी (एडीएम), जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ), मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) और प्रवर्तन अवर निरीक्षक (इंफोर्समेंट सब इंस्पेक्टर) को भी उत्पाद-मद्य निषेध पदाधिकारी की शक्तियां प्रदान की हुई है।

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