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    सुशील मोदी का आरोप - लालू के दबाव में शहाबुद्दीन की मदद कर रहे हैं नीतीश

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 08 Dec 2016 10:59 PM (IST)

    भाजपा नेता सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि वो शहाबुद्दीन मामले में लालू यादव के दबाव में काम कर रही है। सरकार का इस मामले में दोहरा चरित्र उजागर हुआ है।

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    पटना [जेएनएन]। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सिवान से तिहाड़ जेल भेजने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब भी लालू यादव के दबाव में हैं।

    यही वजह है कि वह दोहरा चरित्र अपना रहे हैं। एक तरफ सरकार शहाबुद्दीन की मदद कर रही है वहीं, दूसरी ओर दिखावे के लिए सुप्रीम कोर्ट में विरोध का नाटक कर रही है।

    सुमो ने पूछ है कि बिहार सरकार के सुप्रीम कोर्ट में अपर स्थायी सलाहकार शहाबुद्दीन की पैरवी कर क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा है कि मोहम्मद शोएब आलम सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन के अधिकृत वकील यानी एओआर है।

    राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और न्यायाधिकरणों में सरकार की पैरोकारी के लिए जिन वकीलों को अपर स्थायी सलाहकार नियुक्त किया है, उनमें मोहम्मद शोएब आलम भी है।

    उन्होंने बिहार सरकार पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब शोएब आलम सरकार के अपर स्थायी सलाहकार हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट में सरकार के विरोध और शहाबुद्दीन के समर्थन में पैरवी कर रहे शहाबुद्दीन के वरिष्ठ वकील शेखर नाफड़े को सहयोग कैसे कर रहे हैं? सरकार के वकील ही बिहार की कानून और जेल व्यवस्था पर सवाल कैसे उठा रहे हैं?

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    राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन को सिवान से दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने के मामले में खुल कर बोलने से बच रही है। लालू प्रसाद के दबाव का ही नतीजा है चंदा बाबू के दो बेटे सतीश राज और गिरीश राज की हत्या के मामले में सजायफ्ता शहाबुद्दीन की बेल को राज्य सरकार ने अब तक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती तक नहीं दी है।

    सरकार के वकील ही बिहार की कानून और जेल व्यवस्था पर सवाल कैसे उठा रहे हैं? राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में मो. शहाबुद्दीन को सीवान से दिल्ली के तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने के मामले में खुल कर बोलने से बच रही है।

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    लालू प्रसाद के दबाव का ही नतीजा है चंदा बाबू के दो बेटे सतीश राज और गिरीश राज की हत्या के मामले में सजायफ्ता शहाबुद्दीन की बेल को राज्य सरकार ने अब तक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दी है।

    शहाबुद्दीन के जिन मामलों की तीन साल से सुनवाई ठप है, उन्हें शुरू कराने की भी सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है।

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    मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि मो. शहाबुद्दीन को सीवान से तिहाड़ जेल भेजने का मामला हो या उनकी बेल को चुनौती दने और ठप पड़े मामलों की सुनवाई शुरू कराने की, सरकार के हाथ-पांव क्यों कांप रहे हैं?