बिहटा एयरपोर्ट जमीन की कागजी बाधाएं जल्द करें दूर, अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिया निर्देश
बिहार सरकार बिहटा और पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित जमीन के दाखिल-खारिज में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए तत्पर है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सरकारी विभागों को गवर्नमेंट लैंड पोर्टल पर ब्योरा दर्ज करने का निर्देश दिया है। एम्स पटना और दरभंगा भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। आम लोगों की तरह सरकारी विभागों को भी अधिग्रहित जमीन के दाखिल खारिज में परेशानी हो रही है। पूर्णिया एवं बिहटा एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित संपूर्ण जमीन का दाखिल खारिज नहीं हो पाया है। एम्स पटना और दरभंगा भी इस परेशानी से जूझ रहा है।
बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सरकारी विभागों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की तो उन्हें यह जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत अधिग्रहित जमीन का दाखिल-खारिज करने और उसका ब्योरा गवर्नमेंट लैंड पोर्टल पर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
बैठक में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, रेलवे, दूरसंचार , बियाडा, एम्स (पटना- दरभंगा) एवं रक्षा मंत्रालय के अधीन दानापुर कैंट के पदाधिकारी भी शामिल थे।
अपर मुख्य सचिव ने क्या कहा?
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों के स्वामित्व वाली भूमि के ऑनलाइन दाखिल-खारिज एवं जमाबंदी सृजन के संबंध में एक अलग गवर्नमेंट लैंड म्यूटेशन पोर्टल प्रारंभ किया गया है।
इस पोर्टल पर ऑनलाइन दाखिल-खारिज व जमाबंदी कायम करने के लिए संबंधित विभाग के पास भूमि प्राप्ति से संबंधित अभिलेख होना आवश्यक है। बैठक में शामिल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के प्रतिनिधि ने कहा कि पूर्णिया एवं बिहटा में अधिग्रहित भूमि में से कुछ हिस्से का ही का ही ऑनलाइन दाखिल-खारिज हुआ है।
रेलवे ने उठाया दाखिल-खारिज का मामला
रेलवे के प्रतिनिधि ने दानापुर के अलावा सोनपुर एवं समस्तीपुर की जमीन के दाखिल-खारिज का मामला उठाया। दूरसंचार विभाग, पटना, बियाडा, दानापुर कैंट, एम्स दरभंगा एवं पटना के प्रतिनिधियों ने दाखिल-खारिज में आ रही समस्याओं की चर्चा की।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इन विभागों की जमीन के दाखिल-खारिज के लिए अलग-अलग तिथि का निर्धारण किया जाए। निर्धारित तिथि को अधियाची विभाग के अधिकारी जरूरी दस्तावेजों के साथ उपस्थित होंगे। उसी दौरान दाखिल-खारिज जमाबंदी सृजन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
एम्स, दरभंगा एवं पटना के पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि संबंधित जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय से संपर्क स्थापित कर दाखिल खारिज/जमाबंदी सृजन करा लें ताकि कार्य में कोई बाधा नहीं आए।
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