नीतीश सरकार ने दी खुशखबरी, बुजुर्गों को भी 5 लाख तक का इलाज; Toll Free नंबर पर ले सकते हैं जानकारी
बिहार में 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए वय वंदन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। योजना से जुड़ी जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर 14555 जारी किया गया है। बुजुर्ग इस नंबर पर कॉल करके कार्ड बनवाने और उससे जुड़ी अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) की तर्ज पर 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए सरकार ने 'वय वंदन योजना' की शुरुआत की है। बिहार में ऐसे बुजुर्गों की संख्सा करीब 55 लाख 73 हजार है। अब जल्द ही इनके इलाज कार्ड बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में पहल कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कार्ड कैसे और कहां से बनवाया जा सकता है, इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग की ओर से मुफ्त टोल फ्री नंबर 14555 जारी किया गया है। इस नंबर पर कॉल करके कार्ड से जुड़ी सारी जानकारियां प्राप्त की जा सकेंगी।
इस नंबर पर कॉल करें बुजुर्ग
यही नहीं, स्वास्थ्य कार्ड बना अथवा नहीं यह जानकारी प्राप्त करने के लिए वरीय नागरिक टोल फ्री नंबर 18001-10770 पर मिस कॉल करें, तो उनको अपने कार्ड से जुड़ी अद्यतन जानकारी मिल सकेगी।
55.73 लाख बुजुर्गों को मिलेगा लाभ
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में वय वंदन योजना के दायरे में आने वाले 55.73 लाख बुजुर्ग हैं। इनमें महिला-पुरूष दोनों ही शामिल हैं। कार्ड की सुविधा मिलने के बाद परिवार के बुजुर्ग अपनी बीमारी का खर्च स्वयं वहन कर सकते हैं। इसकी अधिकतम सीमा पांच लाख रुपये तय की गई है।
बीमारी बुजुर्ग चाहे तो योजना के दायरे में आए निजी से लेकर सरकारी अस्पताल तक में अपना इलाज कराने के लिए स्वतंत्र होंगे।
3.67 करोड़ लोगों को मिला आयुष्मान कार्ड
बता दें कि वद वंदन योजना के अतिरिक्त प्रदेश में 1.79 करोड़ परिवार को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाना है। एक परिवार में चार से पांच व्यक्ति हो सकते हैं। योजना के तहत राज्य में अब तक 3.67 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया जा चुका है।
पेंशन व कोषागार निदेशालय की स्थापना के लिए विशेषज्ञों की राय ले रही सरकार
अभी वित्त विभाग में दो निदेशालय (अंकेक्षण निदेशालय व भविष्य निधि निदेशालय) हैं। पेंशन निदेशालय व कोषागार निदेशालय की स्थापना के बाद इनकी संख्या चार हो जाएगी। राज्य सरकार ने इन दो नए निदेशालयों की स्थापना का निर्णय लिया है और उसके लिए संबंधित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श चल रहा है।
पेंशन निदेशालय बन जाने से सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों के साथ सरकार के लिए भी शिकायतों व समस्याओं का निपटारा सहज हो जाएगा। इसके साथ ही कोषागारों की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कोषागार निदेशालय की स्थापना भी होगी। फिलहाल राज्य में पेंशन से संबंधित मामले में महालेखाकार कार्यालय की सहायता ली जा रही है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत पेंशन निदेशालय नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। यह सरकारी सेवकों व सरकार के अंशदान को ई-कुबेर के माध्यम से एनएसडीएल को आनलाइन स्थानांतरित करने के साथ ही नई पेंशन योजना के संचालन में सहायता करेगा।
एनपीएस के संदर्भ में परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर आवंटन की प्रक्रिया में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों का भी इसके माध्यम से समाधान होगा। कोषागार निदेशालय से पूरे राज्य के कोषागारों का नियंत्रण होगा। भुगतान और प्राप्तियों सहित सभी प्रकार के सरकारी लेन-देन, महालेखाकार को भेजे गए लेखों आदि की निगरानी कोषागार निदेशालय के माध्यम से होगी।
इसके माध्यम से कोषागारोंं द्वारा लेखा-परीक्षा का अनुपालन भी सुनिश्चित होगा। यह निदेशालय वित्त और कोषागार संचालन से संबंधित मामलों में वित्त विभाग के सलाहकार जैसे होगा। कोषागार से संबंधित अधिकारियों-कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसी जैसे होगा।
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