Bihar Final Voter List: वोटर लिस्ट तैयार करने के पीछे इन अफसरों की होती है मेहनत, जानिए किसकी क्या जिम्मेदारी?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट जारी हो गई है। चुनाव आयोग एक सिस्टम के तहत वोटर लिस्ट तैयार करता है जिसमें कई अधिकारी शामिल होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार निर्वाचन आयोग निर्वाचक नामावलियों की तैयारी और संचालन का काम देखता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी वोटर लिस्ट तैयार करने में शामिल हैं।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अंतिम वोटर लिस्ट जारी हो गई है। इस फाइनल वोटर लिस्ट को तैयार करने के लिए चुनाव आयोग एक सिस्टम के तहत काम करता है। इसके लिए अलग-अलग अधिकारी जिम्मेदार होते हैं, जो न सिर्फ वोटर लिस्ट तैयार करते हैं, बल्कि इसमें सुधार भी करते हैं। आइए इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं कि किस अधिकारी का क्या काम होता है?
सबसे पहले ये जान लीजिए कि संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग संसद और प्रत्येक राज्य के विधानमंडल यानि विधानसभा के सभी चुनावों तथा राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिए होने वाले चुनावों के लिए निर्वाचक नामावलियों की तैयारी और संचालन के लिए जांच-परख, निर्देश देने और नियंत्रण करने जैसे काम करता है।
मुख्य रूप से तीन अधिकारियों को मिलती है जिम्मेदारी
भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचक नामावली संबंधी अधिनियमों, नियमों, अनुदेशों और नियमावलियों के अनुसार निर्देश जारी करता है। निर्वाचक नामावलियों की तैयारी के लिए मुख्य रूप से तीन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाती है।
इनमें पहला किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), दूसरा जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और तीसरा निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) शामिल हैं। आइए अब इन अफसरों की जिम्मेदारियों के बारे में जानते हैं।
1. किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO)
इस अधिकारी को आयोग की ओर से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13 ए के अनुसार निर्देशित या नामित किया जाता है। वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 324(1) के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी निर्देशों/दिशानिर्देशों/नियमावलियों के अनुसार उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में निर्वाचक नामावली की तैयारी, संशोधन और सुधार का पर्यवेक्षण करता है। बिहार के CEO विनोद गुंजियाल हैं।
2. जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO)
डीईओ को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13 एए के अनुसार निर्देशित या नामित किया जाता है, जो अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिले या क्षेत्र में मतदाता सूची की तैयारी और संशोधन से संबंधित सभी कार्यों का समन्वय और पर्यवेक्षण करता है।
3. निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO)
ईआरओ को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13 बी के अनुसार निर्देशित या नामित किया जाता है, जो अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची तैयार करने और संशोधित करने का वैधानिक प्राधिकारी होता है।
4. वोटर लिस्ट में गड़बनी होने पर अपील
ऐसे लोग, जो लिस्ट में शामिल होने से चूक गए होते हैं, वे फॉर्म 6 भरकर अपील कर सकते हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 के अनुसार, डीएम/सीईओ के समक्ष अपील की जा सकती है।
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