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    Bihar Election: बिहार की नई वोटर लिस्ट 30 सितंबर से होगी उपलब्ध, इन पार्टियों को देनी होगी फीस

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 08:03 PM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के मद्देनज़र निर्वाचन आयोग 30 सितंबर को नई मतदाता सूची (Bihar Voter List) जारी करेगा। यह सूची राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएगी जिसके नियम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में स्पष्ट हैं। मान्यता प्राप्त दलों को सूची मुफ्त मिलेगी जबकि अन्य दलों को शुल्क देना होगा।

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    विधानसभा चुनाव को लेकर नई मतदाता सूची 30 सितंबर से ले सकेंगे राजनीतिक दल

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव के लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा कराए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के उपरांत 30 सितंबर के New Voter List 2025 का प्रकाशन हो जाएगा। आयोग की ओर से इसके उपरांत राजनीतिक दलों को मतदाता सूची उपलब्ध कराने को लेकर स्पष्ट प्रविधान भारत के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 एवं 1951के तहत निर्धारित है।

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    आयोग की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अतिरिक्त जिले एवं विधानसभा स्तर पर मतदाता सूची उपलब्ध कराने की व्यवस्था निर्धारित है। सूची प्रिंटेड कापी के अतिरिक्ति पेन ड्राइव, पीडीएफ एवं सीडी में उपलब्ध कराई जाती है।

    हर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार एवं प्रकाशित की जाती है। अंतिम रूप से प्रकाशित मतदाता सूची प्रत्येक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाती है।

    किसे मिलती है सूची?

    राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दल, राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त दल, अन्य पंजीकृत दल यदि आवेदन करें तो उन्हें भी नियमों के अनुसार शुल्क का भुगतान कर प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं।

    इसका उद्देश्य है कि राजनीतिक दल निष्पक्ष तरीके से चुनावी तैयारी कर सकें, मतदाता तक पहुंच सकें एवं नामांकन व मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

    शुल्क का क्या है प्रावधान

    मान्यता प्राप्त दलों को निर्वाचन आयोग यह सूची निःशुल्क उपलब्ध कराता है। अन्य पंजीकृत राजनीतिक दल या उम्मीदवार निर्धारित शुल्क देकर मतदाता सूची प्राप्त कर सकते हैं।

    प्रिंटेड कापी के लिए स्थानीय स्तर पर फोटो कापी के दर से भुगतान करना होता है। इसी तरह सीडी या पीडीएफ के लिए पेन ड्राइव की कीमत भुगतान करना होगा।

    क्या है कानूनी आधार?

    जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 – मतदाता सूची का निर्माण व संशोधन का प्रविधान किया गया है। निर्वाचन नियम, 1960 – मतदाता सूची की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने की प्रक्रिया निर्धारित है।

    आयोग के परिपत्र/निर्देश स्पष्ट है कि मान्यता प्राप्त दलों को सूची निःशुल्क और समय पर दी जाएगी ताकि वे बूथ स्तर पर संगठन व प्रत्याशियों को तैयारी में मदद कर सकें।

    सूची में मतदाता का नाम, पता, लिंग, आयु व तस्वीर होती है। आयोग समय-समय पर राजनीतिक दलों को संशोधित सूची भी उपलब्ध कराता है।

    मतदाता सूची उपलब्ध कराने की समय-सीमा

    सामान्य तौर पर वार्षिक संशोधन, हर वर्ष पहली जनवरी को योग्य मतदाताओं की सूची बनाई जाती है। इस तारीख तक 18 वर्ष पूरा करने वाले नागरिकों का नाम सम्मिलित किया जा सकता है। संशोधित मतदाता सूची जनवरी से मार्च के बीच प्रकाशित होती है।

    सूची प्रकाशित होने के बाद मान्यता प्राप्त दलों को निःशुल्क प्रति दी जाती है। चुनाव घोषित होने के बाद जैसे ही विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होता है, उसी समय की अंतिम मतदाता सूची फ्रीज कर दी जाती है। यह फाइनल सूची सभी मान्यता प्राप्त दलों को तुरंत निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

    संशोधित/पूरक सूची

    नामांकन एवं मतदान की तारीखों के बीच यदि कोई अंतिम संशोधन या पूरक सूची आती है, तो उसकी प्रति भी राजनीतिक दलों को दी जाती है। वैसे नामांकन वापसी की अंतिम तिथि से दस दिन पूर्व तक नाम जुड़वाने का प्रविधान है।

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