Bihar News: 5 विश्वविद्यालयों में 8 करोड़ की हेराफेरी! बिना टेंडर के हो गई खरीदारी, CAG ने जताई आपत्ति
बिहार के विश्वविद्यालयों में बिना निविदा के लगभग 8 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार कई विश्वविद्यालयों जैसे कि मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय और अन्य ने बिहार वित्तीय नियमावली का उल्लंघन किया है। शिक्षा विभाग अब इन विश्वविद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी कर रहा है। इस अनियमित खरीद में प्रश्नपत्र उत्तर पुस्तिकाएं और कंप्यूटर जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के विश्वविद्यालयों में आठ करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी उजागर हुई है। बिहार वित्तीय नियमावली के प्रविधानों का उल्लंघन कर विश्वविद्यालयों द्वारा 7.96 करोड़ रुपये से प्रश्नपत्र, उत्तर पुस्तिकाएं, कंप्यूटर एवं पुस्तकें समेत अन्य वस्तुओं की खरीद हुई है।
बिना निविदा के हुई इस खरीदारी में मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा सम्मिलित हैं।
CAG की रिपोर्ट से क्या पता चला?
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, महालेखापरीक्षक (CAG Report) की ताजा रिपोर्ट में पांच विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है और इस मामले को सीएजीज ने आर्थिक अपराध कहा है।
रिपोर्ट में बिहार वित्तीय नियमावली के नियम का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जब खरीदे जाने वाले वस्तुओं का अनुमानित मूल्य 25 लाख रुपये तक हो, तो ऐसे मामलों में बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाले आपूर्तिकर्ताओं की संख्या तीन से अधिक होनी थी।
25 लाख रुपये और उससे अधिक के अनुमानित मान के वस्तुओं की खरीद के मामले में विज्ञापित निविदा पूछताछ के माध्यम से खरीद की प्रक्रिया को अपनाया जाना था।
किस यूनिवर्सिटी में कितनी गड़बड़ी हुई?
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में 2017-19 एवं 2019-20, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 2017-18, मौलाना मजहरुल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय में 2017-22, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में 2020-21 तथा तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 2017-22 में नियमों को ताक पर रखकर वस्तुओं की खरीददारी की गई।
वहीं, बीएन मंडल विश्वविद्यालय एवं जयप्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा खरीद की गई वस्तुओं से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया।
इससे पहले शिक्षा विभाग ने भी जनवरी, 2024 में पुष्टि की थी कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में निविदाएं आमंत्रित किए बिना क्रय किया गया था। अब पूरे मामले में शिक्षा विभाग द्वारा संबंधित विश्वविद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी हो रही है।
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