जागरण संवाददाता, भागलपुर। विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण में कम से कम चार माह से अधिक का समय लगेगा। जमीन अधिग्रहण के पूर्व मुख्यालय के स्तर से गजट का प्रकाशन होगा।
इसको लेकर विभाग के स्तर से तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस माह गजट का प्रकाशन हो जाएगा। जिला भू-अर्जन विभाग से जमीन से संबंधित कागजात शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है।
संबंधित रैयतों की जानकारी दी गई है। गजट प्रकाशन के बाद रैयतों से दावा-आपत्ति ली जाएगी। इसके लिए रैयतों को दो माह का समय लगेगा।
रैयतों की दावा-आपत्ति आने के बाद जिला भू-अर्जन विभाग की ओर 15 दिनों दावा-आपत्ति का निबटारा किया जाएगा।
इसके बाद जमीन की कीमत के निर्धारण को लेकर छह सदस्यीय कमेटी का दौरा होगा। छह सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
उपसचिव ने शिक्षा विभाग को समय सीमा तय करने का दिया निर्देश
विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया एक समय सीमा के अंदर पूरी की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा विभाग के उपसचिव श्रेया भारद्वाज ने सूबे के शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को पत्र लिखकर जमीन अधिग्रहण के लिए समय सीमा निर्धारित करने के कहा है।
उक्त पत्र के आलोक में शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर प्रस्तावित विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया में तेजी लाने व भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने को कहा है।
इसके बाद जिलाधिकारी ने भू-अर्जन विभाग को केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर सक्रिय कर दिया है।
भू-अर्जन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री का दौरा हो सकता है। प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव की घोषणा के पूर्व विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने कहलगांव आएंगे।
28 मार्च को एक दिवसीय दौरे पर आए मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने विक्रमशिला में बनने वाली केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए अर्जित की जाने वाली जमीन उनके नक्शे को देख विस्तार से जानकारी ली थी।
भव्य आकार लेगा केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय
विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय 215 एकड़ में भव्य आकार लेगा। जमीन अधिग्रहण के पूर्व सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट) किया जा रहा है।
प्रस्तावित परियोजना व जमीन अधिग्रहण से जुड़े सामाजिक लागत और फायदों का आकलन होने के बाद टेक्नीकल एक्सपर्ट कमेटी आकलन करेगी। रिपोर्ट आने के बाद भू-अर्जन विभाग जमीन के भू-अर्जन को लेकर अधिसूचना जारी करेगी।
विभाग अधिसूचना के प्रतियों को पोर्टल पर अपलोड करेगी। कोई भी व्यक्ति अपने गांव या प्रभावित खसरे के आधार पर संबंधित अधिसूचना का खोज कर सकेंगे।
इसके लिए ग्राम, खसरा, अधिसूचना का प्रकार, अवधि आदि खोज का आधार बना सकेंगे। भू-अर्जन विभाग अपने स्तर से जमीन का सर्वे करा चुकी है।
विक्रमशिला में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए करीब 215 एकड़ जमीन चिह्नित कर नजरी नक्शा के साथ अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
अंतिचक मौजा में 92 एकड़ 70 डिसमिल एवं मलकपुर मौजा में 84 एकड़ 33 डिसमिल जमीन रैयती है। 28 एकड़ 33 डिसमिल जमीन बिहार सरकार की है।
दो सदस्यीय टीम कर चुकी है स्थलीय निरीक्षण
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा विक्रशिला विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए नियुक्त कंसलटेंट, स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. वीरेंद्र कुमार पाल व प्रोफेसर अभिजीत रस्तोगी ने विक्रमशिला के प्रस्तावित स्थल अंतिचक के आसपास का 15 सितंबर को दौरा किया था।
स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए डीपीआर बनाएगी। भू-अर्जन व डीपीआर अप्रूवल के बाद प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत विक्रमशिला विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण आरंभ हो जाएगा।
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