Bihar News: चुनावी साल में बिहार के लोगों को मिल गई एक और खुशखबरी, केंद्र ने दे दिया बड़ा गिफ्ट
बिहार को चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में 14 हजार करोड़ रुपये अधिक यानी 1.43 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में मिलेंगे। इसके अलावा राज्य को ब्याज मुक्त ऋण योजना के तहत 15000 करोड़ रुपये का ऋण भी मिलेगा। इस बजट से विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए राज्य को उसके राज सकल घरेलू उत्पाद के 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण उगाही की सुविधा प्राप्त होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के लोगों को केंद्र सरकार ने एक और खुशखबरी दी है। भारत सरकार केंद्रीय करों में चुनावी वर्ष में बिहार को 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपये देने जा रही है।
बिहार को यह राशि केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में मिलेगी। यह राशि किसी योजना के लिए चिह्नित नहीं होगी।
अहम यह है कि राशि पूरी तरह बिहार सरकार अपने विवेक से खर्च करने के लिए स्वतंत्र होगी। चालू वित्तीय वर्ष से 14 हजार करोड़ रुपये अधिक होगी।
वर्ष 2025-26 में केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 1.43 लाख करोड़ मिलेगा। यह राशि पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में 13634 करोड़ अधिक है।
50 सालों के लिए केंद्र से मिली राशि
- चालू वित्तीय वर्ष में बिहार को इस मद में 1.29 लाख करोड़ मिला है। बजट में राज्यों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 वर्षों के लिए 1.5 लाख करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण का प्रविधान किया गया है।
- इस योजना के तहत बिहार को करीब 15000 करोड़ का ब्याज रहित ऋण मिलेगा। चालू वित्तीय वर्ष में ब्याज मुक्त ऋण योजना के तहत राज्य को करीब 11 हजार करोड़ मिला है।
- इस बजट से विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए राज्य को उसके राज सकल घरेलू उत्पाद के 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण उगाही की सुविधा प्राप्त होगी। इससे लगभग 4000 से 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
बजट में बिहार के हर वर्ग और क्षेत्र का रखा गया है ख्याल
बिहार के एनडीए नेता यूं ही नहीं केंद्रीय बजट पर गदगद हैं। सच यह है कि बजट में बिहार के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए बजट में कुछ न कुछ किया गया है। संपन्न वर्ग के लिए नए एयरपोर्ट की घोषणा की गई है।
कृषि क्षेत्र के विकास के लिए ऐसे प्रविधान किए गए हैं, जिसका लाभ गरीब से लेकर समृद्ध किसानों को मिलेगा। उत्तर बिहार और खासकर मिथिलांचल के लोगों के लोगों के मन में मखाना उत्पादन को लाभदायक बनाने की आकांक्षा बहुत दिनों से थी।
मखाना बोर्ड का प्रविधान
बजट में मखाना बोर्ड का प्रविधान किया गया है तो इससे उत्पादकों और कारोबारियों को लाभ की उम्मीद जगी है। बेशक बिहार के प्रति अधिक उदारता के केंद्र में विधानसभा चुनाव चुनाव भी है। यह अक्टूबर-नवंबर में होगा।
मिथिलांचल के लिए किए गए विशेष प्रविधान को इसी दृष्टि से देखा जा रहा है। मिथिलांचल एनडीए के एजेंडा में प्राथमिक है। पहले से केंद्र और राज्य सरकार उस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रही है।
पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना से मिथिलांचल के 50 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इससे बाढ़ की चिंता कुछ कम होगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूरे देश के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त कर्ज का प्रविधान किया गया है। इस मद से बिहार को कम से कम 15 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
बिजली के लिए कर्ज मद में राज्य सरकार अपने कुल सकल घरेलू उत्पाद के 0.5 प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है। वर्तमान सकल घरेलू उत्पाद के तहत इस मद में बिहार के खजाने में चार से पांच हजार करोड़ रुपये आ सकता है।
बिहार के लोगों बहुत पुरानी मांग रही है कि उनकी फसलें प्रस्ंस्करण की उचित व्यवस्था न होने के कारण खराब हो जाती हैं।
पर्यटन के क्षेत्र में होगा काम
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिक उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की घोषणा इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पर्यटन के क्षेत्र के विकास का लाभ भी राज्य को मिलेगा।
रामायण सर्किट और बुद्ध सर्किट के लिए घोषित व्यय का बड़ा हिस्सा बिहार में खर्च होगा। पर्यटन के विकास से रोजगार के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे।
आम किसानों के अलावा मछुआरों तथा दूध उत्पादन से जुड़े लोगों को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक कर्ज लेने की सुविधा राज्य के कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की समृद्धि बढ़ाएगी। एमएसएमइ एवं स्टार्ट अप को प्रोत्साहन देने के लिए की गई घोषणाएं राज्य में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देंगी
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