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    Budget 2025: 'ब्लू इकोनामी' को धार देगी सरकार, मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड बनाने का एलान, जहाज निर्माण में आएगी तेजी

    Budget 2025 भारत सरकार सड़क और रेल के साथ ही अब जलमार्गों के परिवहन पर भी गंभीर है। ब्लू इकोनॉमी को धार देने के लिए बजट में सरकार ने एलान किया है। इसके लिए मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड दिया जाएगा। इससे जहाज निर्माण से लेकर बंदरगाहों के विकास तक में तेजी आएगी। एमडीएफ में 25 हजार करोड़ का प्रारंभिक प्रवधान किया गया है। जल मंत्रालय का कुल आवंटन भी बढ़ा है।

    By jitender sharma Edited By: Deepak Vyas Updated: Sat, 01 Feb 2025 09:25 PM (IST)
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    बजट में सरकर ने 'ब्लू इकोनॉमी' पर फोकस किया है। फोटो: जागरण

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु, रेल और सड़क की तुलना में सबसे किफायती परिवहन माध्यम जलमार्ग है। इसे देखते हुए ही मोदी सरकार लॉजिस्टिक पर होने वाले खर्च को कम करने के साथ ही जलीय-तटीय आर्थिक गतिविधियों को संबल देकर ब्लू इकोनामी को बढ़ाना चाहती है। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए इस बार बजट में समुद्री विकास कोष (मैरिटाइम डेवलपमेंट फंड) बनाने की घोषणा की है।

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    इसके साथ ही देश में जहाज निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति का भी नवीनीकरण करने की बात कही गई है। इस बार सरकार ने पोत, पत्तन एवं जलमार्ग मंत्रालय के लिए अनुमानित बजट का आवंटन बढ़ाया है। वर्ष 2023-24 में यह 2230.63 करोड़ था। 2024-25 में अनुमानित बजट 2377.49 करोड़, जबकि पुनरीक्षित बजट 2858.54 करोड़ रुपये था।

    जल परिवहन पर मोदी सरकार की पैनी नजर

    इस बार अनुमानित बजट को बढ़ाकर 3470.58 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि परिवहन को जो माध्यम दशकों तक अछूता बना रहा, अब उस पर मोदी सरकार की पैनी नजर है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में समुद्री विकास कोष स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसका प्रारंभिक कोष 25 हजार करोड़ रुपये का रखा गया है।

    2047 तक वैश्विक कार्गो बेड़े में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाना है 20%

    इसमें सरकार का योगदान 49 प्रतिशत होगा। शेष राशि में प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों, अन्य सरकारी संस्थाओं व निजी क्षेत्र का योगदान होगा। इस फंड से जहाज अधिग्रहण के वित्तीय मदद मिलेगी। दरअसल, सरकार का लक्ष्य 2047 तक वैश्विक कार्गो बेड़े में भारतीय जहाजों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत तक बढ़ाना है।

    शिपिंग क्षेत्र में सरकार बढ़ाएगी निवेश

    • इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को साकार करते हुए विदेशी जहाजों पर निर्भरता कम करना भी उद्देश्य है। सरकार के सूत्रों का दावा है कि वर्ष 2030 तक एमडीएफ का लक्ष्य शिपिंग क्षेत्र में 1.5 लाख करोड़ रुपये तक निवेश पैदा करने का है।
    • केंद्रीय पोत, पत्तन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि हमारे मंत्रालय का लक्ष्य 1 से 1.2 मिलियन सकल टन भार के नए जहाज निर्माण समूहों का विकास है।
    • देश में नए मेगा जहाज निर्माण समूहों की घोषणा से घरेलू जहाज निर्माण उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। यह योजना कैपिटल ड्रेजिंग के साथ-साथ ब्रेकवाटर बनाने के रूप में प्रत्यक्ष पूंजी सहायता देगी। यदि भूमि मामूली दर पर नहीं दी जाती है तो इसमें 10 वर्ष की किराया छूट का भी प्रस्ताव है।

    भारतीय शिपयार्डों को प्रत्यक्ष वित्तीय भुगतान

    केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति- 2.0 को भी बढ़ा दिया है, जिसका उद्देश्य भारतीय शिपयार्डों को प्रत्यक्ष वित्तीय अनुदान देना है। यह पहल परिचालन लागत के नुकसान की भरपाई करके आर्डर हासिल करने में मदद करेगी। इससे घरेलू जहाज निर्माण उद्योग मजबूत होगा।