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    Bihar E-PACS: सितंबर तक 4000 समितियां बनेंगी ई-पैक्स, डिजिटल लेन-देन को मिलेगा बढ़ावा

    Updated: Tue, 08 Apr 2025 06:56 PM (IST)

    बिहार में चालू वित्तीय वर्ष में 4000 समितियों को ई-पैक्स (Bihar E-PACS News) के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पैक्सों में डिजिटल लेन-देन को ...और पढ़ें

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    सितंबर तक 4000 समितियां बनेंगी ई-पैक्स, डिजिटल लेन-देन को मिलेगा बढ़ावा

    राज्य ब्यूरो, पटना। चालू वित्तीय वर्ष में चार हजार समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य पैक्सों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है और गांवों में लोगों को डिजिटल सर्विस की सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

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    सहकारिता विभाग ने सितंबर तक चिह्नित समितियों को ई-पैक्स के रूप में विकसित करने का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद पैक्सों में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा। यहां प्रतिदिन के काम की ऑनलाइन एंट्री होगी। वैसे अब तक 500 समितियों को ई पैक्स के रूप में विकसित किया जा चुका है।

    मैनुअल नहीं होगा ई-पैक्सों का काम

    सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने राज्य के पैक्सों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने का काम तेज करने का निर्देश दिया है। इसके लिए जिन पैक्सों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया गया है, उन ई-पैक्सों में निकट भविष्य में कोई भी काम मैनुअल नहीं होगा।

    सहकारिता मंत्री के मुताबिक, ई-पैक्सों सभी तरह के वित्तीय लेनदेन डिजिटल रूप में हो रहे हैं जिसे और बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पैक्स सदस्यों को बेहतर सेवाएं देने में मदद मिलेंगी। बैंक खातों का उचित मिलान होगा। किसानों और समिति सदस्यों को जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से ऋण सुविधा पाने में आसानी होगी।

    समितियों की वित्तीय लेनदेन में किसी प्रकार की लापरवाही बरते जाने और मनमानी करने पर भी रोक लगेगी। इससे सही निगरानी करने में मदद मिलेगी। पैक्सों में जनऔषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र, कामन सर्विस सेंटर, अनाज भंडारण आदि की सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी।

    बिहार में निफ्टेम शुरू करने को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने आकलन शुरू किया

    दूसरी ओर, बिहार में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (निफ्टेम) की स्थापना को ले खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने अपना आकलन आरंभ किया है। मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी बिहार के दौरे पर हैं। उद्योग विभाग के साथ हाजीपुर सहित उत्तर बिहार के कई जगहों पर मंत्रालय ने निफ्टेम की संभावना को देखा है।

    इस वर्ष के केंद्रीय बजट में बिहार में निफ्टेम की स्थापना पर सहमति बनी थी। वर्तमान में देश में केवल दो जगहों पर निफ्टेम है। एक हरियाणा के कुंडली में तथा दूसरा तमिलनाडु के तंजावूर में है। बिहार में निफ्टेम की स्थापना के संबंध में कहा गया कि इसके माध्यम से बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र की गतिविधियां बढ़ेगी। देश के पूर्वी क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा।

    बिहार में फल और सब्जी की उपलब्धता यहां बड़े स्तर पर है पर खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में यहां इकाईयों की कमी है। निफ्टेम के माध्यम से बीटेक, एमटेक, की पढ़ाई 2012-13 से हो रही। इस संस्थान में खाद्य उत्पादों की जांच के लिए इनक्यूबेशन सेंटर भी होते हैं।

    उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि निफ्टेम के बिहार में शुरू होने का काफी फायदा मिलेगा। हाल के दिनों में बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़ूे नए निवेशकों ने बिहार में अपनी इकाई स्थापित करने को रुचि दिखायी है। मखाना को लेकर भी नया माहौल बना है।

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