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    Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ गया ताजा अपडेट, सरकार 2 महीने में देगी खुशखबरी

    Updated: Tue, 04 Mar 2025 06:28 PM (IST)

    बिहार के शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधानसभा में घोषणा की है कि अगले दो महीने के अंदर शिक्षकों का तबादला उनके मन के हिसाब से उनके गृह जिले में कर दिया जाएगा। शिक्षकों से इस बारे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के साथ आवेदन मांगे थे। आवेदनों की स्क्रीनिंग कर दो माह में उनका तबादला कर दिया जाएगा।

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    शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ गया ताजा अपडेट, सरकार 2 महीने में देगी खुशखबरी (सांकेतिक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी कि अगले दो महीने के अंदर शिक्षकों का तबादला (Bihar Teacher Transfer) उनके मन के हिसाब से उनके गृह जिले में कर दिया जाएगा। शिक्षकों से इस बारे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के साथ आवेदन मांगे थे।

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    उन्होंने कहा कि आवेदनों की स्क्रीनिंग कर दो माह में उनका तबादला कर दिया जाएगा। इस बाबत आए एक प्रश्न के जवाब मेें उन्होंने यह सूचना पढ़ी।

    विधायक सूर्यकांत पासवान ने उठाया था सवाल

    विधायक सूर्यकांत पासवान ने इस सवाल को उठाया था। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के एक लाख से अधिक शिक्षकों ने अपने तबादले के लिए आवेदन किया है। शिक्षकों का पदस्थापन गृह जिले से 200 किमी की दूरी पर होने तथा पति-पत्नी के भिन्न-भिन्न स्थानों पर पदस्थापित होने के कारण गंभीर पारिवारिक संकट हो गया है।

    शिक्षा मंत्री ने दिया ये जवाब

    शिक्षा मंत्री ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों का पदस्थापन (Bihar Teacher Posting) उनके मन के हिसाब से कर दिया गया है। पति-पत्नी दोनों अगर शिक्षक हैं तो उनका तबादला भी उनकी इच्छा के हिसाब से कर दिया जाएगा। तबादले को लेकर सॉफ्टवेयर को तैयार कर लिया गया है।

    मंत्री ने कहा कि मन के हिसाब से तबादले का आवेदन देने वाले शिक्षकों अगर तबादले से असंतुष्ट होंगे तो जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गई है, जहां वे अपना आवेदन दे सकेंगे। इसी तरह मुख्यालय में भी एक कमेटी बनायी गयी है जहां असंतुष्ट शिक्षक आवेदन कर सकेंगे।

    मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक नहीं, पोर्टल लाइव : शिक्षा मंत्री

    शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में आए एक प्रश्न के जवाब में बताया कि मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई रोक नहीं है। इसके लिए पोर्टल भी लाइव है। बहादुरगंज के विधायक मो. अंजार नईमी ने इस प्रश्न को उठाया था।

    उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगी हुई है। इस कारण सैकड़ो मदरसे में या तो एक शिक्षक की या फिर शिक्षक विहीन होने की स्थिति है। इस कारण पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र के बाद वह नियुक्ति की प्रक्रिया को आरंभ कराएंगे।

    विधानसभा परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन, आरक्षण समाप्त करने का लगाया आरोप

    बिहार विधानसभा के बजट कालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार की सदन की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व विधानसभा परिसर में विपक्ष के नेताओं ने आरक्षण समाप्त करने, दलितों पिछड़ों को दो सौ यूनिट बिजली देने जैसी मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।

    राजद-कांग्रेस और वामपंथी सदस्यों ने बजट में गरीबों की अनदेखी किए जाने क्या आरोप लगाते हुए अपनी प्रदर्शन किया और दलितों पिछड़ों के लिए 200 यूनिट फ्री बिजली की मांग की। इसके अलावा, रिक्त पदों को अविलंब भरने और दो लाख के पोर्टल को 31 मार्च तक चालू रखने की मांग उठाई।

    दूसरी ओर, राजद और कांग्रेस सदस्यों ने सरकार पर आरक्षण को समाप्त करने के आरोप लगाए। प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने कहा कि जाति आधारित गणना के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया मगर उसे समाप्त करने की साजिश की गई।

    राजद के बार-बार के आग्रह और प्रस्ताव देने के बाद भी संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया। इन सदस्यों ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति को आवश्यक रूप से 65 प्रतिशम आरक्षण देने की मांग उठाई और कहा कि सरकार विपक्ष को सुने और संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करे।

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