Bihar Teacher Rules: 5 लाख शिक्षकों के लिए सरकार ने जारी की नई नियमावली, ऐसा करने पर होगी कार्रवाई
बिहार सरकार (Bihar Government) ने 5 लाख से अधिक सरकारी शिक्षकों के लिए संशोधित स्थानांतरण और पदस्थापन नियमावली जारी की है। इस नियमावली में आचार संहिता का पालन अनिवार्य किया गया है और इसका उल्लंघन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ निलंबन बर्खास्तगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस आर्टिकल में नए नियमों की पूरी जानकारी दी गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के तमाम सरकारी विद्यालयों में कार्यरत 5 लाख 45 हजार 182 शिक्षकों के लिए मंत्रिमंडल से मंजूर संशोधित स्थानातंरण व पदस्थापन नियमावली में आचार संहिता का अनुपालन अनिवार्य किया गया है। इसका अनुपालन नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का प्रविधान किया गया है।
इसमें निलंबन, बर्खास्तगी, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, पदावनति, कम वेतनमान में पदावनति और वेतन बढोतरी पर रोक तक शामिल है। इससे संबंधित शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षा (संशोधन) नियमावली, 2024 की अधिसूचना जारी की है।
पहले चरण में विशिष्ट शिक्षकों का होगा स्थानातंरण
अधिसूचना के मुताबिक, राज्य में पहले चरण में विशिष्ट शिक्षकों का स्थानातंरण और पदस्थापन मुख्यालय स्तर से किया जाएगा। इसके लिए सात सदस्यीय राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है।
शिक्षा सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि प्राथमिक शिक्षा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक, जिलाधिकारी द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति के एक पदाधिकारी, एक अल्पसंख्यक पदाधिकारी और एक महिला अधिकारी सदस्य होंगे, जबकि प्राथमिक शिक्षा या माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। शिक्षा का अधिकार कानून के मानकों के तहत छात्र:शिक्षक अनुपात के आधार पर शिक्षकों का स्थानातंरण होगा।
विशिष्ट शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर मिलेगी नौकरी संशोधित नियमावली में यह स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर शिक्षा विभाग की प्रचलित नीति और योग्यता व अन्य अर्हता के अनुसार की जाएगी।
वहीं, स्थानातंरित विद्यालय में विशिष्ट शिक्षक को योगदान करना अनिवार्य होगा। इसके लिए विभाग द्वारा अलग से स्थानातंरण नीति निर्धारित करेगी। विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के बीच संतुलन को ध्यान में रखते हुए स्थानातंरण व पदस्थापन एवं प्रशासनिक कार्यों से जिला स्थापना समिति द्वारा तय की जाएगी। जिला स्थापना समिति के अध्यक्ष संबंधित जिलाधिकारी होंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी समिति के सचिव होंगे, जबकि उप विकास
आयुक्त या अपर जिला दंडाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी-स्थापना, जिलाधिकारी द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति के एक पदाधिकारी, एक अल्पसंख्यक पदाधिकारी और एक महिला अधिकारी सदस्य होंगे।
तय आचरण संहिता:
सरकारी आदेश का पालन करना, निर्धारित पाठ्यक्रम को पूराकरना/कराना, समय पर विद्यालय आना और निर्धारित रूटीन के अनुसार कक्षा का संचालन करना/कराना, शैक्षणिक वातावरण को दूषित नहीं करना, दूसरे शिक्षक को पठन-पाठन नहीं करने में व्यवधान नहीं करना, शिक्षण कार्य से इनकार नहीं करना, महिला शिक्षिका/छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार नहीं करना, किसी दल विशेष के पक्ष में राजनीति में संलिप्त नहीं होना, निजी टयूशन/कोचिंग एवं अन्य व्यवसायिक संस्थाओं में संलिप्त नहीं होना, शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं होने देना, किसी प्रकार के नशा का सेवन नहीं करना, सामाजिक कुरीतियों विशेषकर बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा को दूर करने में सक्रिय भूमिका निभाना, प्रशिक्षण में भाग लेने से इनकार नहीं करना।
अनुशासनिक कार्रवाई:
प्रशासनिक दृष्टिकोण यथा अनुशासनहीनता, सरकारी आदेश की अवहेलना, लगातार विलंब से विद्यालय आना, विद्यालय में उपस्थिति दर्ज कर गायब हो जाना समेत अन्य कारणों से विशिष्ट शिक्षकों को प्रखंड/जिला से बाहर स्थानातंरण किया जाएगा। यह कार्रवाई जिलाधिकारी की अनुशंसा पर होगी।
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