Bihar Smart Meter: डेडलाइन पूरी होने के बाद भी सरकारी दफ्तरों में नहीं लगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर, सामने आई ये वजह
बिहार में सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की डेडलाइन दो महीने पहले ही पूरी हो गई है लेकिन अब तक सभी सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगा। 20 फीसदी दफ्तरों में अब भी काम बचा हुआ है। जिस कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने की जिम्मेदारी दी गई है उले अपने वेंडर के साथ समस्या है। इस कारण काम समय से पूरा नहीं हो पाया।
राज्य ब्यूरो, पटना। दो माह पहले ही प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने का काम पूरा कर लिया जाना था। मुख्य सचिव के स्तर पर इस संदर्भ में विशेष रूप से बैठक हुई थी। इस बारे में मिली अद्यतन जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब भी सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने का काम 20 प्रतिशत बाकी है।
नहीं बढ़ रही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली एजेंसी की स्पीड
बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार एसबीपीडीसीएल के अधीन आने वाले सरकारी कार्यालयों में जिस एजेंसी को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का जिम्मा दिया गया है वह अपनी आंतरिक परेशानी की वजह से काम की गति में तेजी नहीं ला पा रही है।
संबंधित कंपनी को एसबीपीडीसीएल के साथ-साथ उत्तर बिहार के शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का जिम्मा है।
- इस बारे में मिली जानकारी के अनुसारी संबंधित एजेंसी को अपने वेंडर के साथ समस्या है। इस कारण काम लक्ष्य से पीछे चल रहा।
- उक्त एजेंसी के पास सरकारी दफ्तरों के अलावा आम लोगों के घरों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना है। इस क्रम में उक्त एजेंसी के पास छह लाख स्मार्ट प्रीपेड लगाने का जिम्मा है।
सरकारी दफ्तरों में प्राथमिकता के आधार पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम
बिजली कंपनी के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग जगहों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही कंपनियों को यह निर्देश दिया गया है कि सरकारी दफ्तरों मे स्मार्ट मीटर लगाने का काम उन्हें प्राथमिकता के तहत करना है। इस बारे में बिजली कंपनी के स्तर पर नियमित रूप से फीडबैक भी लिया जा रहा।
सिवान: तीन घंटे बिजली आपूर्ति बंद रहने से परेशान रहे उपभोक्ता
सिवान ग्रिड से जुड़े सभी उपभोक्ताओं को गुरुवार को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। बिजली बंद रहने के दौरान विंटर मेंटनेंस का कार्य किया गया। इस कारण शहर के उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही मोबाइल चार्जिंग, कंप्यूटर के अलावा विद्युत संबंधित कार्य पूरी तरह ठप रहा। लोग बिजली के आने के इंतजार में दिखे।
स्थिति ऐसी थी कि कटौती के दौरान कई जरूरी कामों को छोड़कर लोग बिजली की आस में बैठे रहे। शहरवासियों की माने तो बिजली आपूर्ति ठप करना विद्युत विभाग की आदत बन गई है।
गुरुवार की सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद रही। इस दौरान विंटर मेंटेनेंस के तहत पावर ग्रिड और उससे जुड़े सभी 33 केवी लाइनों का कार्य किया गया। बिजली ग्रिड के सभी ट्रांसफार्मर बंद रहे, जिस कारण किसी भी क्षेत्र में बिजली की सप्लाई नहीं हो पाई। उपभोक्ताओं से बिजली बंद रहने के दौरान वैकल्पिक बिजली व्यवस्था सुनिश्चित कर लेने की अपील की गई थी।
शशांक भूषण, सहायक कार्यपालक अभियंता, सिवान पावर ग्रिड
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