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    BPSC 70वीं पीटी में पटना हाई कोर्ट ने मांगा जवाब, 30 जनवरी को अगली सुनवाई

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 07:05 PM (IST)

    पटना HC ने बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों पर सुनवाई की। न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे गंभीर हैं लेकिन फिलहाल कोई अंतरिम राहत नहीं दी जा सकती। आयोग और राज्य सरकार को 30 जनवरी तक विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया गया है। परीक्षा के परिणामों को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा जब तक कि अंतिम निर्णय नहीं हो जाता।

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    बीपीएससी परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने की सुनवाई

    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने पप्पू कुमार ऐवं अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे गंभीर हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में कोई अंतरिम राहत देना संभव नहीं है।

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    न्यायालय ने आयोग और राज्य सरकार को 30 जनवरी तक याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस मामले में अंतिम निर्णय आने तक परीक्षा के परिणामों को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा।

    परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप

    याचिकाकर्ताओं की ओर से वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि ऐवं प्रणव कुमार ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर प्रश्न पत्र समय से पहले लीक हो गए थे और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किए गए। पटना के बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में लगभग 12,000 उम्मीदवारों ने भाग लिया। प्रश्न पत्र लीक होने की घटना लगभग 1:06 बजे सोशल मीडिया पर सामने आई।

    परीक्षा केंद्रों पर जामर भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन नहीं किया गया और परीक्षा से एक दिन पहले कई उम्मीदवारों के केंद्र बदल दिए गए।

    इसके अतिरिक्त, बापू परीक्षा परिसर में अनियमितताओं के चलते आयोग ने 4 जनवरी 2025 को पुनर्परीक्षा आयोजित की जो अनुचित था। उन्होंने कहा कि 4 जनवरी को हुई पुनर्परीक्षा में प्रश्न संख्या 13, 79 और 91 हटा दिए गए थे, जिससे उस दिन परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अंक मिलने का लाभ हुआ।

    आयोग और राज्य सरकार की दलीलें

    राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही और आयोग के वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों का खंडन किया। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस संदर्भ में एक अन्य लोकहित याचिका दायर की गई है, इसलिए कोर्ट दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनावाई करे।

    आयोग की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 13 दिसंबर को बापू परीक्षा परिसर में एक उम्मीदवार ने प्रश्न पत्र लेकर भागने का प्रयास किया था, जिससे सोशल मीडिया पर प्रश्न साझा होने की संभावना बनी। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को निर्धारित की है।

    याचिकाकर्ताओं की मांग:

    • 13 दिसंबर 2024 और 4 जनवरी 2025 को आयोजित परीक्षा के परिणामों को प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाए।
    • परीक्षा में हुई अनियमितताओं को देखते हुए इन परीक्षाओं को रद्द किया जाए।
    • परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों के लिए एक नई और निष्पक्ष प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाए।

    क्या है याचिकाकर्ताओं की मांग का प्रभाव?

    यदि याचिकाकर्ताओं की मांगें स्वीकार की जाती हैं, तो बीपीएससी को एक नई प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करनी पड़ सकती है, जिससे हजारों उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होगा। परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और उम्मीदवारों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए यह मामला महत्वपूर्ण है।

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