Bihar Sand Mining: 11 जिलों के बालू घाट नहीं हो सके नीलाम, सिक्योरिटी मनी को लेकर फंसा पेच
बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि जिन जिलों में नीलामी नहीं हुई है वहां कार्य योजना बनाकर लक्ष्य प्राप्त करें। विभाग उन घाटों को सूचीबद्ध कर रहा है जो अधिक सिक्योरिटी मनी के कारण नीलाम नहीं हो पाए। पटना वैशाली औरंगाबाद समेत कई जिलों में नीलामी नहीं हो पाई है।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश की प्रमुख नदियों के किनारे स्थित बालू घाटों की नीलामी को लेकर सरकार एक बार फिर सक्रिय हो गई है। राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों एवं खान एवं भू-तत्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिन जिलों में नदी बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी है, उन सभी जिलों में कार्य योजना बनाकर लक्ष्य को प्राप्त किया जाए। आवश्यकता पड़ती है तो बालू घाटों के लिए निर्धारित सिक्योरिटी मनी का नए सिरे से निर्धारण भी करें। मुख्य सचिव के आदेश के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल विभाग वैसे बालू घाटों को सूचीबद्ध कर रहा है, जो अधिक सिक्योरिटी मनी होने की वजह से नीलाम नहीं हो पाए। इसके बाद समेकित रूप से यह अध्ययन कराया जाएगा कि सिक्योरिटी मनी के अलावा वे कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से बालू घाट बिना नीलामी के रह गए या फिर बालू घाट सरेंडर कर दिए गए।
इन जिलों में नहीं हुई नीलामी
विभाग के सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर में हुई बैठक में यह बात सामने आई कि पटना, वैशाली, औरंगाबाद, बक्सर, सारण, अरवल, गया, जहानाबाद, मोतिहारी, पूर्णिया और समस्तीपुर में सर्वाधिक घाट बिना नीलामी रह गए हैं। इन जिलों में ऐसे घाटों की संख्या सर्वाधिक है।
वहीं, भोजपुर, पटना, गया, रोहतास, लखीसराय और नवादा में ऐसे घाटों की संख्या ज्यादा है, जिन्हें सरेंडर किया गया है। जिला स्तर पर कारणों की पड़ताल के बाद नए सिरे से बालू घाटों की बोली लगाई जाएगी और नए सिरे से इनका बंदोबस्त किया जाएगा। आवश्यकता पडऩे पर सिक्योरिटी मनी में भी संशोधन संभावित है।
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