Bihar: परमानेंट नहीं होंगे गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर, मंत्री ने पहले दी बुरी खबर; फिर सुनाई गुड न्यूज!
बिहार में अतिथि सहायक प्राध्यापकों को स्थायी करने का मामला विचाराधीन नहीं है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान परिषद में यह जानकारी दी। इसी के साथ शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार जल्द ही नियमित बहाली करेगी। इसी नौ मार्च को 51 हजार से अधिक प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को विधान परिषद में स्पष्ट किया कि राज्य में अतिथि सहायक प्राध्यापकों को स्थायी करने का मामला विचाराधीन नहीं है। इसकी जगह राज्य सरकार नियमित बहाली करेगी। मंत्री ने बताया कि इसी नौ मार्च को राज्य सरकार 51 हजार से अधिक प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों आदि को नियुक्ति पत्र देगी।
भाजपा सदस्य डा. नवल किशोर यादव ने झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ में अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा स्थायी करने की नीति का हवाला देते हुए यह प्रश्न किया था।
सर्वेश कुमार के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि राज्य में दस से अधिक केंद्रीय विद्यालय खुलने के प्रस्ताव आए हैं। राज्य सरकार जमीन के लिए राजस्व विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया पूरी कर रही है। दरभंगा के हनुमान नगर प्रखंड स्थित पटोरी में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए पत्र भी लिख दिया गया है।
स्कूलों में जल्द होगी अनुकंपा पर नियुक्ति
विधानपरिषद में डॉ. प्रमोद कुमार और वंशीधर ब्रजवासी के प्रश्न पर सरकार ने जवाब दिया कि राज्य के स्कूलों में जल्द अनुकंपा अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। वर्तमान में 6,421 विद्यालय सहायक के पद का सृजन किया गया है।
वहीं, निवेदिता सिंह, रेखा कुमारी और डॉ. कुमुद वर्मा के प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी जर्जर स्कूलों को चार माह में ठीक किया जाएगा। स्कूलों में शौचालय, पेयजल, चहारदीवारी आदि का काम भी किया जा रहा है। इसको लेकर 160 विधायकों-विधानपार्षदों ने प्राथमिकता सूची दी थी जिसमें 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है।
होली के पहले वेतन-पेंशन का हो जाए भुगतान:
विधानपरिषद की कार्यवाही के दौरान सभापति अवधेश नारायण सिंह ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को जानकारी दी कि कई विश्वविद्यालयों में वेतन, पेंशन, अनुदान आदि का भुगतान लंबित है, इसे होली से पहले पूरा करा लिया जाए।
इस पर शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि वह अविलंब समीक्षा कर इस मामले को दिखवाएंगे और ससमय वेतन-अनुदान का भुगतान किया जाएगा।
शिक्षकों के ईपीएफ भुगतान में गड़बड़ी, शिक्षा मंत्री करेंगे समीक्षा
दूसरी ओर, नियोजित शिक्षकों के मद में ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) की कटौती के बावजूद खाते में भुगतान नहीं किए जाने की शिक्षा मंत्री सुनील कुमार स्वयं समीक्षा करेंगे। विधान परिषद सदस्य निवेदिता सिंह के प्रश्न पर शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ने सदन को यह भरोसा दिया।
इससे पहले निवेदिता सिंह ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सदस्यों को सदन बोलने के लिए विशेष मौका देने पर सभापति अवधेश नारायण सिंह के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने पूरक प्रश्न के माध्यम से सभापति का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि दरभंगा एवं मधुबनी के साथ ही कई जिलों में हजारों शिक्षकों के खाते में करोड़ों रुपये ईपीएफ की कटौती के बावजूद जमा नहीं किए जाने पर चिंता जताई।
निवेदिता ने कहा कि शिक्षकों को नियमित इपीएफ खातों में प्रतिमाह भुगतान नहीं किया जा रहा है, जबकि सरकार राशि का भुगतान कर रही है। उन्होंने सभापति को बताया दरभंगा में हजारों शिक्षकों के खाते में माह जुलाई और सितंबर पैसा जमा नहीं हआ है। यह मामला चालू वित्तीय वर्ष यानी 2024 का है। दरभंगा के डीपीओ (स्थाापना) पैसा नहीं जमा करवा रहे हैं।
इसी तरह मधुबनी जिलें में वर्ष 2021 के सितंबर से दिसंबर चार महीने की राशि कटने के बाद खाते में जमा नहीं की गई है। करोड़ों रुपये गबन का प्रकरण है। ऐसी ही विसंगतियां अन्य जिलों में भी है। इसमें हजारों शिक्षक अब सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद विशिष्ठ शिक्षक बन चुके हैं।
इस राशि का इपीएफ खाते में जमाकर इस राशि का भुगतान जल्द करवाया जाए। इसके बादमंत्री ने सभापति को भरोसा दिया कि मामले हैं की अविलंब समीक्षा करके शिक्षकों की समस्या एवं सदस्य की चिंता को दूर करेंगे। मंत्री ने कहा हम निश्चित रूप से जो कर्मियां है उसमें सुधार करते हुए भुगतान सुनिश्चित कराएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।