बिहारः सदन में जब मंत्री को कहना पड़ा, लक्षण तो नहीं लगता कि निकट भविष्य में सरकार जाने वाली है
बिहार विधान परिषद में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी का अंजाम शुक्रवार को बदला-बदला दिखा। अपनी ही पार्टी के सदस्य को जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि लक्षण तो नहीं लगता कि निकट भविष्य में सरकार जाने वाली है।
राज्य ब्यूरो, पटना: 'माननीय सदस्य, अभी हमारे जल्दी जाने का कोई लक्षण तो नहीं दिख रहा है।’ विधान परिषद में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को प्रश्नोत्तर काल मे कुछ इसी अंदाज में अपनी ही पार्टी के सदस्य को जबाव देकर उन्हें शान्त कर दिया।
पहले तो इन लोगों को कुछ नहीं मिल रहा था...
दरअसल, परिषद में शुक्रवार को संजीव श्याम सिंह एक अल्पसूचित प्रश्न के जरिए नियोजित शिक्षकों को साल में नियमित शिक्षकों की तरह 14 दिन अर्जित अवकाश देने और पूरे सेवाकाल में तीन सौ दिन संचयन की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पहले तो इन लोगों को कुछ नहीं मिल रहा था। अब सरकार ने बहुत कुछ दिया है। शिक्षकों के हित में सरकार लगातार कदम उठा रही है। लेकिन नियोजित और स्थायी शिक्षकों की सेवाशर्त में अंतर है। लिहाजा दोनों की तुलना नहीं की जा सकती। जवाब के बाद प्रश्नकर्ता संजीव श्याम सिंह ने पूरक प्रश्न के माध्यम से आग्रह किया कि मंत्री जी अभी अश्वासन दे दें, आगे जो आएगा वह देखेगा। इसी बात पर मंत्री तुरंत अपने स्थान पर खड़े हुए और कहा कि माननीय सदस्य अभी तो हमारे तुरंत जाने का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है।
मदरसा शिक्षकों के वेतन भुगतान के आदेश दिए जा चुके हैं
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मदरसों में विज्ञान शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान आदेश दे दिया गया है। इन शिक्षकों को 2014 से 2019 तक के बकाया वेतन का भुगतान हो जाएगा। मदरसा बोर्ड के विज्ञापन के आलोक में सरकार ने संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को इनका उपस्थिति विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
इस प्रश्न का जवाब दे रहे थे मंत्री
शिक्षा मंत्री शुक्रवार को विधान परिषद में डॉ. संजीव कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि 1127 कोटि के मदरसों में एपीक्यूईएम योजना के तहत 67 विज्ञान शिक्षकों की नियुक्ति प्रतिमाह 2200 रुपये की दर से वर्ष 1996 में की गई थी। वर्ष 2006-07 औश्र 2007-08 के लिए प्रतिमाह तीन हजार रुपये की दर से मानदेश भुगतान की राशि मिली। केंद्र ने स्नातक विज्ञान शिक्षकों को छह हजार रुपये प्रति महा की दर से भुगतान का प्रवधान 2015-16 में किया। 2019 में केन्द्र के निर्देश पर स्नातक अप्रशिक्षित विज्ञान शिक्षकों का मानदेय छह हजार तय है। लेकिन प्रशिक्षित और स्नातकोत्तर शिक्षकों का मानदेश 12 हजार तय है। मंत्री ने कहा कि विभाग के फैसले के अनुसार अप्रैल 2008 में नियुक्त और कार्यरत शिक्षकों को उपस्थिति के आधार पर 203-14 तक प्रतिमाह छह हजार रुपये के हिसाब से भुगतान कर दिया गया है। आगे के भुगातन का निर्देश दिया गया है।