Bihar Politics: 'वर्क फ्रॉम होम' पर लालू के करीबी नेता जगदानंद, घर से देख रहे ऑफिस की CCTV फुटेज
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह इन दिनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वे कार्यालय नहीं आ रहे हैं और पार्टी के कामकाज पर अपने मोबाइल से नजर रख रहे है ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद पद पर नहीं रहना चाहते हैं। वे कार्यालय नहीं आ रहे हैं। घर से कामकाज कर रहे हैं। एक तरह से वर्क फ्रॉम होम वाला सिस्टम चल रहा है। राजद कार्यालय के हर हिस्से में सीसीटीवी है। जगदानंद अपने मोबाइल पर पार्टी ऑफिस की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। अगर निर्देश देने की जरूरत पड़ती है, वे संबंधित लोगों से बातचीत कर लेते हैं।
आधिकारिक रूप से बताया जा रहा है कि जगदानंद अस्वस्थ्य चल रहे हैं। स्वास्थ्य में सुधार होते कार्यालय आ जाएंगे। अध्यक्ष पद से उनके त्याग पत्र देने की न पुष्टि हो रही है और ही न खंडन। सिर्फ यह सच सामने है कि वे कार्यालय नहीं आ रहे हैं। दो दिन पहले सदस्यता अभियान की समीक्षा हुई। बताया गया कि इसकी व्यवस्था उन्होंने ही की थी। वह स्वयं उस बैठक में शामिल नहीं हुए।
अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर दोनों पक्षों की रुचि समान है। जगदानंद न पद पर रहना चाहते और न राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पद पर उन्हें बिठाए रखना चाहते हैं। अगले साल के सितंबर महीने में अध्यक्ष के रूप में जगदानंद का दूसरा कार्यकाल पूरा होने जा रहा है।
तीसरी बार भी प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे जगदानंद
अगर विधानसभा चुनाव नहीं रहता तो सांगठनिक चुनावों की प्रक्रिया अप्रैल से शुरू होकर सितंबर में समाप्त होती। चुनाव के कारण यह प्रक्रिया जनवरी से शुरू होकर अप्रैल में समाप्त होगी। तब तक जगदानंद यथास्थिति में रह सकते हैं। राजद के संविधान में प्रदेश या राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल की समयावधि निर्धारित नहीं है, इसलिए जगदानंद तीसरी बार भी पद पर बने रह सकते हैं।
वह पहली बार 2019 और दूसरी बार 2022 में प्रदेश अध्यक्ष बने। 2025 में उनका दूसरा कार्यकाल पूरा होगा। मगर, चुनावी वर्ष में राजद किसी ऐसे सामाजिक समूह के नेता को यह पद देना चाहता है, जिससे तत्काल लाभ मिले। इसमें किसी अल्पसंख्यक या गैर-यादव पिछड़े को नेतृत्व देने की गुंजाइश बनती है।
शर्त यह भी है कि यह पद लालू प्रसाद के बदले तेजस्वी यादव की पसंद पर तय होगा। जगदानंद दोनों की पसंद रहे हैं, लेकिन आधुनिक राजद में उनकी रुचि पहले जैसी नहीं रह गई है। जगदानंद राजद के उन खास नेताओं में रहे हैं, जिनकी लालू परिवार के प्रति अटूट निष्ठा रही है।

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