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    Bihar Politics: नीतीश कुमार पर बदले भाजपा नेताओं के सुर, शाह ने भी किया इशारा; क्या हैं इसके राजनीतिक मायने

    By Raman ShuklaEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 08:29 PM (IST)

    Bihar Politics राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर जी-20 के अवसर दिए गए रात्रि भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात राजनीतिक गलियारे संयोग नहीं बल्कि प्रयोग के तौर पर चर्चा में है। इस सियासी हलचल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के दौरान नीतीश कुमार के प्रति उनके बदले हुए सुर ने और हवा दे दी है।

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    शाह के संदेश से CM नीतीश कुमार के प्रति बदल गए भाजपा नेताओं सुर। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर जी-20 के अवसर पर दिए गए रात्रि भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की PM नरेन्द्र मोदी से मुलाकात राजनीतिक गलियारे में संयोग नहीं प्रयोग के तौर पर चर्चा में है। इस सियासी हलचल को गृहमंत्री अमित शाह के बिहार दौरे में नीतीश कुमार के प्रति बदले हुए स्वर ने और हवा दे दी है।

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    जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और खासकर महागठबंधन सरकार में शामिल जदयू के मंत्रियों की ओर से जिस अंदाज में स्वागत किया जा रहा है, वह भी अपने आप में नई राजनीतिक संकेत के लिए काफी है।

    नीतीश पर शाह की नपी-तुली बात

    अहम यह है कि16 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह के बिहार में दो सभा के बाद भाजपा नेताओं को स्वर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति बदल गए हैं।

    ज्ञात हो कि पिछले एक साल यानि सितंबर-2022 के बाद छह जनसभाओं में अमित शाह यह बात कहने से चुकते नहीं थे, कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा (एनडीए) के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। इस बार अमित शाह ने मंच से यह बातें नहीं कहीं। सीधे-सीधे नीतीश कुमार टारगेट भी नहीं किया।

    जदयू के भी नरम हैं तेवर

    कुछ ऐसा ही संकेत भाजपा के प्रति जदयू की तरफ से भी दिख रहा है। महागठबंधन सरकार में शामिल जदूय कोटे के मंत्री अशोक चौधरी ने 19 सितंबर के बयान में जिस तरह से महिला आरक्षण विधेयक को लेकर केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशंसा की, वह है भी गौरतलब है।

    यही नहीं, अगले ही दिन यानि 20 सितंबर को सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने जिस अंदाज से महिला आरक्षण विधेयक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जरिए सराहा वह अपने आप में अहम संदेश है।

    गौर करने वाली बात यह भी है कि बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी हों या फिर भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा के साथ ही पार्टी के प्रवक्ताओं के सुर भी नीतीश कुमार और जदयू के प्रति बदल गए हैं।

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    आईएनडीआईए स्टैंड से अलग दिख रहे नीतीश के सुर

    नीतीश कुमार राजनीतिक मुद्दों पर भाजपा के साथ खड़े दिख रहे हैं। यहां यह बात गौर करने वाली है कि विपक्षी एकता के नए गठबंधन आईएनडीआईए ने 14 पत्रकारों की सूची जारी कर उन्हें भाजपा का पक्ष लेने के लिए ब्लैक लिस्ट किया।

    वहीं, नीतीश कुमार ने पत्रकारों के साथ खड़े दिखे। यहां तक कि नीतीश ने सीधे तौर पर आईएनडीआईए गठबंधन से अलग अपनी राय रखी।

    उन्होंने कांग्रेस की ओर से जारी किए गए पत्रकारों की लिस्ट को सीधे-सीधे ना करते हुए यह कहा कि वह पत्रकारों के साथ हैं। वह किसी पत्रकार को ब्लैक लिस्ट किए जाने के पक्ष में नहीं हैं।