Bihar Police Bharti: खुल गया राज..! अभ्यर्थियों की जगह स्कॉलर बैठाने के लिए वसूले थे 5-5 लाख रुपये
बिहार पुलिस भर्ती (Bihar Police Bharti 2024) में बड़ा घोटाला सामने आया है। बिचौलियों ने स्कॉलरों की मदद से सेट अभ्यर्थियों को सफलता दिलाने के लिए पांच-पांच लाख रुपये में सेटिंग की थी। लिखित परीक्षा में स्कॉलर बैठे और सफल हो गए लेकिन शारीरिक दक्षता परीक्षा में सेट अभ्यर्थी पकड़े गए। अब तक 12 केस दर्ज हो चुके हैं और जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार सिपाही बहाली (Bihar Police Bharti 2024) में बिचौलियों ने स्कॉलरों की मदद से सेट अभ्यर्थियों को सफलता दिलाने के लिए पांच-पांच लाख रुपये में सेटिंग की थी। बिचौलियों ने सेट अभ्यर्थियों की जगह स्कॉलर को बैठाया। उन्हें लिखित परीक्षा में सफलता भी मिल गई, लेकिन जब बात शारीरिक दक्षता परीक्षा तक पहुंची तो सेट अभ्यर्थी जांच में फंस गए।
लिखित परीक्षा के बाद स्कॉलर तो निकल गए, लेकिन उस दौरान ओआरएम सीट पर लिए गए पैराग्राफ राइटिंग व हस्ताक्षर का मिलान शारीरिक दक्षता परीक्षा में किया गया। राइटिंग और हस्ताक्षर नहीं मिलने पर ऐसे 32 अभ्यर्थियों को पकड़ा जा चुका है, जिनसे पूछताछ में पता चला कि लिखित परीक्षा में उनकी जगह स्कॉलर बैठा था।
गर्दनीबाग थाने में दर्ज हुए 12 केस
- गर्दनीबाग थाने में अब तक 12 केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें 67 ऐसे सेटर, स्कॉलर से लेकर सेट अभ्यर्थियों को नामजद अभियुक्त बताया गया है।
- इसमें अधिकांश केस में सेटरों का नाम और पता के साथ जिस खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया था, उसकी जानकारी भी मिली है।
- गर्दनीबाग थाने की पुलिस इन सभी मामलों की जांच कर गिरोह के सदस्यों की तलाश में जुटी है।
पैराग्राफ राइटिंग और हस्ताक्षर का किया जा रहा मिलान
गर्दनीबाग हाईस्कूल में केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अंतर्गत सिपाही पद पर चयन हेतु लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जा रही है। रजिस्ट्रेशन और बायोमेट्रिक काउंटर पर अंगूठे का निशान और फोटो का मिलान किया जा रहा था। साथ ही पैराग्राफ राइटिंग और हस्ताक्षर मिलान भी किया जा रहा है।
किन जिलों के अभ्यर्थी पकड़े गए?
ऐसे में स्कॉलर की मदद से लिखित परीक्षा पास कर शारीरिक दक्षता में पहुंचने वाले सेट अभ्यथिर्यों को पकड़ा जा रहा है। पकड़े गए अभ्यर्थियों में बांका, मुंगेर, हाजीपुर, भोजपुर, गया, मोतिहारी, खगड़िया, पालीगंज, जहानाबाद सहित अन्य जिलों के थे।
पूछताछ में पता चला कि बिचौलियों से सेटिंग कर स्कालर की मदद ली गई थी। इसके बदले किसी ने एडवांस में 50 हजार तो किसी से पूरी रकम वसूल ली गई थी। पकड़े गए अधिकांश अभ्यर्थियों ने बिचौलियों का नाम तो उजागर किया, लेकिन स्कॉलर के बारे में पूरी जानकारी नहीं।
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