Bihar: पंचायत भवन निर्माण में देरी पर इंजीनियरों पर गिरेगी गाज, अयोग्य घोषित किए जाएंगे; आ गया 'ऑर्डर'
बिहार सरकार की करीब आठ हजार पंचायतों में बनने वाले पंचायत भवनों के निर्माण में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भवन निर्माण सचिव कुमार रवि ने साफ कर दिया है कि जिन प्रमंडलों में पंचायत सरकार भवन निविदा (टेंडर) का निपटारा फरवरी के अंत तक नहीं होगा वहां के इंजीनियर अयोग्य माने जाएंगे। मार्च 2025 तक सभी पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्लींथ स्तर तक सुनिश्चित किया जाए।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार की करीब आठ हजार पंचायतों में सरकार पंचायत भवनों का निर्माण करा रही है। हाल ही में भवन निर्माण सचिव कुमार रवि ने इन भवनों के निर्माण को लेकर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।
बैठक में उन्होंने साफ कर दिया कि जिन प्रमंडलों में पंचायत सरकार भवन निविदा (टेंडर) का निपटारा फरवरी के अंत तक नहीं होगा वहां के इंजीनियर अयोग्य माने जाएंगे।
टेंडर को लेकर बुलाई थी मीटिंग
भवन निर्माण विभाग के सचिव ने पंचायत सरकार भवनों की निविदा को लेकर बैठक बुलाई थी। जिसमें पंचायत सरकार भवनों की निविदा प्रकाशन, निविदा के निष्पादन के मामलों की समीक्षा की गई। सचिव को जानकारी दी गई कि पहले चरण में सरकार ने 2157 भवन निर्माण की योजनाएं स्वीकृत की थी।
जिसके विरूद्ध 2143 निविदा का प्रकाशन किया गया। इनमें से 2010 की वित्तीय बिड का निपटारा किया जा चुका है। शेष 147 निविदा के निपटारे की प्रक्रिया जारी है।
भवन सचिव कुमार रवि ने क्या कहा?
आंकड़े सामने आने के बाद भवन सचिव कुमार रवि ने कहा कि फरवरी महीने के अंत तक सभी निविदाओं का निपटारा कर दिया जाए। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो निविदा में विलंब करेगा वैसे इंजीनियरों की पहचान कर उन्हें अयोग्य घोषित किया जाएगा।
उन्होंने निर्देश दिए कि मार्च 2025 तक सभी पंचायत सरकार भवनों का निर्माण प्लींथ स्तर तक सुनिश्चित किया जाए, जबकि अप्रैल महीने के अंत तक भू-तल, मई तक प्रथम तल और जून के के अंत तक फिनिशिंग का काम पूरा कर लिया जाए।
शहरी योजनाओं में आएगी तेजी, संविदा पर मिले तीन दर्जन अभियंता
दूसरी ओर, राज्य की शहरी योजनाओं के काम को तेजी से निबटाने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को करीब तीन दर्जन अभियंता मिले हैं। इनमें तीन मुख्य अभियंता समेत अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंता शामिल हैं।
यह सभी सेवानिवृत्त हैं, जिनको संविदा पर पदस्थापित किया गया है। इनमें शंकर दयाल शुक्ला, विनोद कुमार और अश्विनी कुमार को मुख्य अभियंता के पद पर पदस्थापित किया गया है।
वहीं, नौ अधीक्षण अभियंता और 23 कार्यपालक अभियंता हैं। इन सभी को नियोजन के प्रथम दो वर्ष या अधिकतम 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्रतिनियुक्त किया गया है।
संतोषप्रद सेवा होने पर एक-एक वर्ष के लिए सेवा विस्तार किया जा सकेगा, अन्यथा समीक्षा के बाद कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने पर संविदा रद की जा सकेगी। विशेष परििस्थति में 67 वर्ष तक सेवावधि बढ़ाने पर विचार किया जा सकेगा।
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