Bihar Teacher News: नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर, शिक्षा मंत्री ने कर दिया बड़ा ऐलान
बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों को पूर्व की अवधि के कार्य का वरीयता लाभ देने पर पुनर्विचार करेगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधानपरिषद में यह आश्वासन दिया है। साथ ही विश्वविद्यालयों द्वारा अनियमित भुगतान के मामले पर भी चर्चा की गई और वित्त विभाग के साथ मिलकर इसके लिए अलग से ऑडिट की टीम भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का जो भी पैसा है वो वापस लाया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को पूर्व की अवधि के कार्य का वरीयता लाभ देने पर सरकार पुनर्विचार करेगी। विधानपरिषद में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने यह आश्वासन दिया। डॉ. नवल किशोर यादव ने इस पर आपत्ति जताई थी कि सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षक बनने पर भी बीपीएससी नियुक्त टीआर शिक्षक ही वरीय होंगे।
कानूनी रूप से बाध्यता नहीं
- नियोजित शिक्षकों को वरीयता देने के मामले में मंत्री ने कहा कि यह नियमानुकूल व्यवस्था है।
- कानूनी रूप से इसकी बाध्यता नहीं है।
- नियोजित शिक्षकों को वरीयता देने के मामले में सरकार संवेदनशील ढंग से पुनर्विचार करेगी।
अरवल-गया में सर्वाधिक फर्जी शिक्षक
राजद सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी ने गलत सर्टिफिकेट पर बहाल 42 फर्जी शिक्षकों को लेकर प्रश्न किया। इस पर मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण-पत्रों की जांच में 42 शिक्षक चिह्नित किए गए हैं। इनमें अरवल और गया में सर्वाधिक पांच-पांच, जबकि नवादा में चार शिक्षक हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इनकी जिलावार सूची जारी कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
11 शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध
मंत्री सुनील कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक पटना, सहरसा, मुंगेर, सिवान, बक्सर, पूर्वी चंपारण और अररिया में कुल 11 शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध करते हुए सेवा समाप्ति के लिए संबंधित नियोजन इकाई को निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा शेष जिलों के 31 शिक्षकों के प्रमाण-पत्र का सत्यापन कर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इनको बहाल करने वाले दोषी अफसरों को भी चिह्नित किया जाएगा, इसके लिए दिसंबर में समीक्षा होगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कर छूट के बाद भी विश्वविद्यालयों के अनियमित भुगतान का होगा आडिट
डॉ. संजीव कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा अनियमित भुगतान का मामला विधानपरिषद में उठाया। उन्होंने कहा कि नामांकन और परीक्षा संबंधित सेवाओं में कर छूट के बाद भी सरकारी विश्वविद्यालयों में निजी एजेंसियों को करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके जवाब में मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि वित्त विभाग के साथ मिलकर इसके लिए अलग से अडिटर की टीम भेजी जाएगी। जो भी सरकार का पैसा है, उसे वापस लाया जाएगा।
वहीं महेश्वर सिंह के सवाल के जवाब में विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी मंत्री सुमित सिंह ने भरोसा दिलाया कि राज्य के इंजीनियरिंग कालेजों में इस वित्तीय वर्ष से शत प्रतिशत नामांकन लिया जाएगा।
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