'शिक्षकों को सबसे ज्यादा नीतीश सरकार ने...'; खिन्न भाव से ये क्या बोल गए प्रशांत किशोर, फिर उपचुनाव पर दिया ज्ञान
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शिक्षकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में शिक्षकों को सबसे ज्यादा नीतीश सरकार ने सताया है। पीके का कहना है कि वह अपनी पदयात्रा में जिन शिक्षकों से मिल रहे हैं उनका कहना है कि लोग जाति-धर्म के झांसे में आकर वोट दे रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) (Prashant Kishor) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर आक्षेप लगाया है।
विधान परिषद उप चुनाव के क्रम में प्रचार-प्रसार पर निकले पीके ने मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur News) में कहा कि पिछले दस वर्षों में शिक्षकों (Bihar Teacher) को किसी ने सबसे अधिक सताया है तो वह नीतीश कुमार की सरकार है।
ऐसा शिक्षक ही बता रहे हैं, लेकिन जाति-धर्म के झांसे में आकर वोट भी दे रहे हैं। खिन्न भाव से प्रशांत किशोर ने कहा कि शिक्षक ही जब अपनी स्थिति में सुधार नहीं चाहते तो उनका दूसरा क्या मददगार होगा!
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव
देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद चुन लिए जाने के कारण विधान परिषद की तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में उप चुनाव हो रहा।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का प्रत्याशी है और महागठबंधन से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का।
जन सुराज पार्टी (जसुपा) ने विनायक गौतम पर दांव लगा रखा है। उनकी जीत के लिए प्रचार के क्रम में प्रशांत किशोर (पीके) ने कहा कि मैं दो वर्षों से पदयात्रा कर रहा हूं।
इस दौरान जितने भी शिक्षक मिले, सभी ने यही पीड़ा जताई कि पिछले 10 वर्षों में अगर किसी ने सताया है तो वह नीतीश कुमार की सरकार है।
उसका कौन भला कर सकता है : प्रशांत किशोर
- फिर भी चुनाव में शिक्षक भूल जाएंगे कि वे नियोजित हैं या प्रायोजित। डाकबंगला पर उन पर लाठियां चटकाई गई थीं। यह भूलकर वे जाति-धर्म के बहकावे में आ जाएंगे।
- नीतीश कुमार को वोट दे देंगे। फिर चुनाव के अगले दिन मिलने पर मुझसे बोलेंगे कि 'हमारे लिए आवाज उठाइए'। जो आदमी स्वयं अपना जीवन नहीं सुधारना चाहता है, उसका कौन भला कर सकता है।
शिक्षकों को वापस मिलेगा कटा वेतन : मंत्री
- इधर, शुक्रवार को शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान परिषद में प्रदेश के शिक्षकों से जुड़ी अहम जानकारी साझा की है।
- उन्होंने कहा है कि देर से स्कूल आने वाले या फिर आंदोलन में शामिल रहे जिन शिक्षकों का वेतना काटा गया है, उसे जल्द वापस दिया जाएगा।
- उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार मामले की समीक्षा करेगी और दिसंबर तक इस संबंध में आदेश भी जारी किया जाएगा। बता दें कि शिक्षकों की समस्या को लेकर कुमार नागेंद्र ने विधान परिषद में सवाल उठाया था।
दस हजार शिक्षकों का वेतन कटने का दावा
बता दें कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सदस्य संजीव कुमार सिंह ने भी करीब दस हजार शिक्षकों का वेतन काटे जाने का दावा किया है।
उनका कहना था कि कई ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनका 15-15 दिन का वेतन कटा है, जबकि ये शिक्षक अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हुए थे।
इस पर शिक्षा मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ऐसे मामलों की जिलेवार समीक्षा कर रही है। कई जिलों में ऐसे शिक्षकों को वेतन राशि जारी भी की गई है। जो शेष रह गए हैं, उनके संबंध में दिसंबर तक आदेश जारी किया जाएगा।
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