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    Bihar News: डायल 112 के रिस्पांस टाइम को घटाने की तैयारी में बिहार सरकार, महज इतने मिनट में मिलेगी मदद

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 10:41 AM (IST)

    बिहार में हर दिन डायल-112 पर मदद के लिए औसत 72 हजार कॉल आ रही हैं। देशभर कॉल के मामले में बिहार दूसरे नंबर पर है। वहीं 15 मिनट में लोगों को मदद पहुंच रही है। अब बिहार सरकार डायल-112 के रिस्पांस टाइम को कम करने की तैयारी में है। लोगों तक महज 10 मिनट में मदद पहुंचाई जाएगी। वहीं पटना में 5 मिनट का लक्ष्य रखा गया है।

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    डायल-112 का रिस्पांस टाइम कम होगा (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। आपातकाल में मदद के लिए जारी किए गए बिहार पुलिस के डायल-112 नंबर पर प्रतिदिन औसत 72 हजार कॉल आ रही हैं। प्रतिदिन कॉल के मामले में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है। इनमें से लगभग 5500 मामले ऐसे होते हैं, जिनमें मदद की दरकार होती है।

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    पुलिस मुख्यालय के अनुसार, वर्तमान में डायल-112 की मदद पहुंचाने वाली गाड़ी औसत 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच रही है। रिस्पांस टाइम के मामले में बिहार देश में सातवें स्थान पर है। इसे घटाकर रिस्पांस टाइम औसत दस मिनट तक करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं पटना में पांच मिनट में मदद पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।

    डायल-112 सेवा से अब 1586 एंबुलेंस और 805 अग्निशमन सेवा की गाड़ियों को भी जोड़ दिया गया है। इसके अलावा दूसरे चरण में 883 चारपहिया वाहन और 550 दो पहिया वाहनों को भी डायल-112 में लगाया गया है। इसके कारण रिस्पांस टाइम में कमी आई है। आने वाले दिनों में इसे और कम करने का प्रयास किया जाएगा।

    हाइवे पेट्रोलिंग वाहनों को भी जोड़ा गया

    • डायल-112 सेवा से हाईवे पर पेट्रोलिंग करने वाली गश्ती वाहनों को भी जोड़ा गया है। बिहार पुलिस ने हाल ही में हाईवे गश्ती के लिए 61 वाहनों को लगाया गया है, इन्हें डायल-112 से जोड़ने पर आपातकाल में मदद पहुंचाई जा रही है।
    • इसके अलावा इसी साल सितंबर में महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर सुविधा की शुरुआत भी डायल-112 के जरिए की गई है।

    इस माह के अंत तक लगेगें सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर

    बिजली कंपनी ने शनिवार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर और राजस्व संग्रहण की स्थिति की समीक्षा की। इस मौके पर बिजली कंपनी के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने विभाग के संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि इस माह के अंत तक हर हाल में सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिए जाएं।

    उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि कई जगहों से स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खराब होने की शिकायतें आ रही हैं। बिजली कंपनी के सीएमडी ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खराब होने से उपभोक्ताओं को असुविधा हो रही है।

    वितरण कंपनियों के राजस्व का भी नुकसान हो रहा। सिक्योर मीटर्स तथा इंटेलिस्मार्ट जैसी एजेंसियों के खराब प्रदर्शन पर कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने यह कहा कि अपने कार्यबल को बढ़ाकर वह समय पर लक्ष्य को पूरा करें।

    निर्देश दिया गया कि सभी एजेंसियां 15 जनवरी तक खराब मीटरों को अनिवार्य रूप से बदलें। बैठक में विभिन्न अंचल व प्रमंडल के अधिकारियों ने राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों को साझा किया।

    सीएमडी ने कहा कि राजस्व संग्रहण प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए उपभोक्ताओं के साथ निरंतर संवाद स्थापित करें। उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें। बैठक में बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे व वरिष्ठ अभियंताओं के साथ मीटरिंग एजेंसियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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