Bihar Politics: एनडीए में सीट शेयरिंग पर मंथन शुरू, 2020 के गणित में बदलाव संभव
बिहार एनडीए में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग पर मंथन शुरू हो गया है। घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है। इस बार सीटों की संख्या पर दावेदारी से अधिक जीतने की क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। 2020 के चुनाव के गणित में बदलाव की संभावना है क्योंकि एनडीए में नए सहयोगी दल शामिल हुए हैं।

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग काे ले इसी महीने से बैठकों का सिलसिला आरंभ होना है। एनडीए के दिग्गजों का कहना है कि इस बार सीटों की संख्या को ले दावेदारी से अधिक ध्यान इस बात पर है कि कौन सीट पर किस घटक दल के प्रत्याशी जीतने का माद्दा रखते है।
एनडीए के पांच घटक दलों के बीच इस फॉर्मूले को आगे किया जा रहा कि किस विधानसभा क्षेत्र किस घटक दल की पैठ अधिक है। इस आकलन के केंद्र में संभावित प्रत्याशी भी विशेष रूप से है। यह भी तय माना जा रहा कि घटक दलों के बीच बड़ी संख्या में सीटों की अदला-बदली भी संभव है।
2020 के गणित में बदलाव दिखना तय
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में एनडीए के भीतर जो सीट शेयरिंग का गणित था उसमें बदलवा तय माना जा रहा। पिछली बार जदयू को 115 सीटें मिली थी और सात सीटें अलग से हम के लिए थीं उसके पास। यानी जदयू को 122 सीटों पर निर्णय लेना था। भाजपा के पास 110 सीटें थी और 11 सीटें वीआइपी के कोटे के तहत भाजपा के पास थी।
इस हिसाब भाजपा को 121 सीटों पर निर्णय लेना था। पर इस बार का संदर्भ बदला हुआ है। एनडीए में अभी पांच दल हैं। जदयू और भाजपा के अलावा लोजपा (रामिवलास) हम और रालोमो हैं।
जदयू के बड़े नेताओं का कहना है कि लाेजपा (रामविलास) हम और रालोमो का मा्मला भाजपा को देखना है। संभव है कि इस लिहाज से भाजपा को 110 सीटों के पिछले आंकड़े से कुछ पीछे हटना पड़े।
ऐसा इस वजह से है कि पिछली बार उसे केवल वीआईपी के कोटे की केवल 11 सीटों पर निर्णय लेना था पर इस बार उसे लोजपा (रामविलास), हम तथा रालोमो के लिए भी सीटें निकालनी है।
वीआईपी अब महागठबंधन में है इसलिए 11 सीटें एनडीए को अतिरिक्त रूप से जरूर मिल रही। यह भी कहा जा रहा कि ऐसी स्थिति में जदयू के कोटे की पूर्व में रही 115 में भी कुछ कटौती संभव है।
2020 में वोटों के प्रतिशत पर भी नजर
सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करने को ले 2020 के विधानसभा चुनाव में घटक दलों के बीच वोटों प्रतिशत क्या था इस पर भी नजर है। उस समय भाजपा को 19.8 प्रतिशत वोट मिले थे, जदयू को 15.7, वीआइपी को 1.5 तथा हम को 0.9 प्रतिशत वोट आए थे। लोजपा ने तब अकेले 134 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
सभी दलों ने अपने स्तर पर बना रखी है रिपोर्ट
एनडीए के सभी घटक दलों ने अपने स्तर पर यह रिपोर्ट बना रखी है कि उन्हें कितनों सीटों पर चुनाव लड़ना है। एनडीए के सभी पांच दलाें की जिलास्तरीय सम्मेलन यह मामला साफ तौर पर भी दिखा था। अब उच्च स्तर पर इस मामले में मंथन होना शेष है।
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