बिहार चुनाव में तेजस्वी की मुश्किल बढ़ाने में जुटे हेमंत, 12 सीटों पर ठोक रहे दावेदारी; RJD ने दिया ये ऑप्शन
राजद ने एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल करने से इनकार कर दिया है लेकिन झामुमो के साथ बातचीत जारी है। झामुमो झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में लगभग एक दर्जन सीटें मांग रहा है जबकि राजद दो-तीन सीटें देने को तैयार है। राजद झामुमो को कम सीटें देने के लिए बिहार में उसके पुराने चुनावी प्रदर्शन का हवाला दे रहा है।

राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में सम्मिलित होने की एआईएमआईएम की अपेक्षा को राजद दरकिनार कर चुका है, लेकिन झामुमो से उसकी बात अभी बेपटरी नहीं हुई है।
राजद झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार में साझेदार भी है। इसी आधार पर झामुमो झारखंड के सीमावर्ती लगभग एक दर्जन सीटें मांग रहा। राजद उसे दो-तीन सीटों पर मनाने के प्रयास में है।
बिहार में दावेदारी के संदर्भ में पिछले दिनों झामुमो द्वारा सार्वजनिक रूप से बयान दिए गए। उन बयानों में इतनी एहतियात जरूर बरती गई कि संदेश महागठबंधन के विरुद्ध न जाए।
झारखंड में साझेदारी के लिहाज से यह जरूरी भी था। उन बयानों के साथ ही अंदरखाने बात भी शुरू हो गई, जो अब किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के निकट है। राजद के लिए झामुमो को दावेदारी से कम सीटोंं पर मनाने का आधार बिहार में उसका पुराना चुनावी प्रदर्शन है।
चकाई में मिली थी जीत
झामुमों को अब तक मात्र एक बार चकाई में जीत मिली है। पिछली बार तो कटुता इस स्तर तक बढ़ी कि राजद पर राजनीतिक मक्कारी का आरोप लगाते हुए झामुमो ने सात सीटों (झाझा, चकाई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती, नाथनगर) पर प्रत्याशी उतार दिए।
कोई सफलता तो नहीं मिली, लेकिन चकाई और कटोरिया में उसने राजद का खेल बिगाड़ दिया था।महागठबंधन पिछली बार मात्र 15 सीट और 11150 मतों के अंतर से सत्ता से चूक गया था। इस बार राजद का पूरा प्रयास है कि पुरानी किसी भी चूक को दोहराने से बचा जाए।
इसके लिए सहयोगी भी ठोक-बजाकर तय किए जाएंगे और सीटों पर समझौता भी समीकरण का गुणा-गणित लगाने के बाद ही होगा।
अब तक के हिसाब-किताब में झारखंड के सीमावर्ती तीन-चार सीटों पर झामुमो का थोड़ा-बहुत प्रभाव दिख रहा। उन्हीं में से दो-सीटें देकर झारखंड का प्रतिदान पूरा करने पर विचार चल रहा है।
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