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    बिहार के हेल्थ सिस्टम को मिलेगी नई मजबूती, खोले जाएंगे 3200 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 03:37 PM (IST)

    बिहार सरकार 2026 तक 3200 नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजब ...और पढ़ें

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    बिहार में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सशक्त। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार चरणबद्ध तरीके से राज्य के अलग-अलग जिलों में 3200 नए स्वास्थ्य उप केंद्र खोलने की तैयारी में है।

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    वर्ष 2026 में इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। योजना का उद्देश्य ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाली आबादी को समय पर बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना है।

    वर्तमान में बिहार के अधिकांश गांवों में करीब दस हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र कार्यरत हैं। जहां मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन, सामान्य बीमारियों की प्राथमिक जांच और जन-स्वास्थ्य जागरूकता जैसे कार्य हो रहे हैं।

    इन उप केंद्रों ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, टीकाकरण कवरेज सुधारने और कुपोषण से निपटने में अहम भूमिका निभाई है। अब बढ़ती आबादी और सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण कई क्षेत्रों में नए उपकेंद्रों की आवश्यकता महसूस हो रही थी।

    स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रस्तावित 3200 नए उप केंद्रों को आधुनिक मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इनमें स्वच्छ भवन, पेयजल, बिजली, आवश्यक दवाएं, जांच किट और प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

    इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से घर-घर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह लक्ष्य समयबद्ध तरीके से पूरा होता है, तो ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे में बड़ा सुधार आएगा और प्राथमिक स्तर पर ही कई बीमारियों का समाधान संभव हो सकेगा। इससे जिला और रेफरल अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा और स्वस्थ बिहार के लक्ष्य को नई गति मिलेगी।