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    Bihar Bank Merger: आज से बिहार के दोनों ग्रामीण बैंक एक, पटना में प्रधान कार्यालय; जानिए क्या बदलेगा?

    Updated: Thu, 01 May 2025 07:00 AM (IST)

    बिहार में दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विलय होकर अब बिहार ग्रामीण बैंक के नाम से जाना जाएगा। इसका प्रधान कार्यालय पटना में होगा। इस विलय से ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और डिजिटल सेवाएं मजबूत होंगी। यह बदलाव एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक नीति के तहत किया गया है जिससे बिहार ग्रामीण बैंक की सेवाएं और अधिक प्रभावी होंगी।

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    आज से बिहार के दोनों ग्रामीण बैंक एक, पटना में प्रधान कार्यालय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, पटना। भारत सरकार ने पहली मई से ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 कर दी है। सरकार के इस निर्णय का असर बिहार के साथ देश के 11 राज्यों में देखने को मिलेगा। गुरुवार को दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक व उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विधिवत विलय हो जाएगा।

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    उसके बाद यह बिहार ग्रामीण बैंक के नाम से अपनी सेवा देगा और प्रधान कार्यालय पटना में रहेगा। इससे ग्राहकों को पहले से और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

    एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक नीति

    केंद्र सरकार की एक राज्य-एक ग्रामीण बैंक नीति के अंतर्गत एक मई से 11 राज्यों में एक से ज्यादा ग्रामीण बैंकों का विलय हो रहा है। उनमें बिहार के साथ आंध्र प्रदेश, यूपी, बंगाल, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान सम्मिलित हैं।

    इन राज्यों में जितने भी ग्रामीण बैंक हैं, उनका विलय करके उस राज्य में एक ग्रामीण बैंक बना दिया जाएगा। इसके बाद देश में ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 रह जाएगी। सरकार के इस निर्णय का कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सेवाओं में मजबूती मिले और वे अधिक प्रभावी बनें।

    ऑल इंडिया ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डीएन त्रिवेदी का कहना है कि ग्रामीण बैंक विगत दो दशक से आकार परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करते रहे हैं। 2005 के पूर्व ग्रामीण बैंकों की संख्या 196 थी, जिनका तीन बार विलय हो चुका है और चौथे विलय के पश्चात इसकी संख्या 28 रह गई है।

    हालांकि, अभी भी कार्मिकों की सेवा-शर्त प्रायोजक बैंक के समरूप नहीं हुआ है। अपेक्षा है कि इस अंतिम विलय के पश्चात सेवा-शर्त में सरकार सुधार करेगी।

    क्या कुछ बदलेगा?

    ग्रामीण बैंक का साइन बोर्ड बदल जाएगा। हालांकि, उस पर छोटे अक्षरों में पुराने ग्रामीण बैंक का सांकेतिक नाम भी अंकित रहेगा। वैसे ग्राहकों को पहले से और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इससे डिजिटल और कस्टमर सर्विस इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी मजबूत होगा और बैंक ब्रांच की संख्या में कोई कमी नहीं आएगी।

    किसी का भी अकाउंट इन बैंक में है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा सिर्फ और सिर्फ बैंक का नाम बदलेगा। पुराना चेक बुक और पासबुक कुछ समय के लिए मान्य रहेगा और बाद में नया चेक बुक, पासबुक और अकाउंट नंबर मिलेगा।

    ऋण और अन्य तरह की सेवाएं पहले की तरह की जारी रखी जाएंगे। वहीं, इस बदलाव के बाद बैंक अपने कस्टमर को मैसेज के जरिए बताएगा कि नया अकाउंट नंबर क्या है।

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