Bihar News: सरकारी अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति को लेकर बड़ा आदेश, 12 फरवरी तक करना होगा ये काम
प्रदे्श में मंत्रियों के संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद अब सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को भी अपनी संपत्ति की जानकारी देनी होगी। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। 12 फरवरी तक अधिकारियों-कर्मचारियों से चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा लिया जाएगा। 31 मार्च को इसे विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग वेबसाइट पर जाकर संपत्ति की जानकारी देख सकेंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश सरकार के मंत्रियों की संपत्ति घोषणा के बाद अब सरकारी विभागों में काम करने वाले पदाधिकारी-कर्मचारियों की सूची विभाग की वेबसाइट पर अपलोड होगी। इस आदेश के दायरे में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा के साथ ही अन्य तमाम सेवा के बिहार में प्रतिनियुक्त और बिहार में कार्यरत पदाधिकारी-कर्मचारी आएंगे।
31 दिसंबर तक की संपत्ति की देनी होगी जानकारी
सामान्य प्रशासन के इससे जुड़े निर्देश के बाद सभी विभागों के स्तर पर इस संबंध में अपने कार्यालयों और अधीनस्थ कार्यालयों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव सह मिशन निदेशक डॉ. बी. राजेंदर के पत्र का हवाला दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि तमाम पदाधिकारियों-कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2024 तक अर्जित की गई संपत्ति का पूरा विवरण सरकार को देना होगा। संपत्ति में चल-अचल दोनों प्रकार की संपत्ति का विवरण देना होगा।
विभागों को जारी निर्देश में कहा गया है कि यह कार्य सुगमता से हो इसके लिए पूर्व वर्ष की ही भांति इस वर्ष भी सभी विभाग और जिलों में इस कार्य के लिए कोषांग का गठन करते हुए वरिष्ठ पदाधिकारी को इसमें नोडल पदाधिकारी बनाया जाए। जारी निर्देश में कहा गया है कि 15 जनवरी 2025 से सूची की प्रविष्टि सॉफ्टवेयर में होगी।
12 फरवरी तक देनी होगी जानकारी
- 12 फरवरी 2024 तक सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से चल-अचल संपत्ति का विवरण प्राप्त करने की समय सीमा निर्धारित की गई है।
- इसके बाद 15 मार्च तक हस्ताक्षर और स्कैन की हुई सूची मिशन कार्यालय को भेज दी जाएगी।
- 31 मार्च 2025 तक इसे विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जा सके।
- इस कार्य को प्राथमिकता में करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीण सड़कों पर यातायात दबाव का आकलन कराएगी सरकार
सरकार अब गांव की सड़कें टिकाऊ बनाने के लिए निर्माण संबंधित मानकों में कई संशोधन करने जा रही है। इनमें यातायात दबाव का आकलन कराने के साथ ही सड़क निर्माण की मोटाई बढ़ाने, रखरखाव से संबंधित सुविधाओं में संशोधन आदि को सम्मिलित किया गया है।
7 वर्षों तक रखरखाव की जिम्मेदारी
अब पांच नहीं, सात वर्षों तक सड़कों के रखरखाव का दायित्व संबंधित सड़क बनाने वाले ठेकेदार या कंपनी की होगी। वहीं, चौड़ाई भी बढ़ेगी। ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए निर्माण की मोटाई बढ़ाई जाएगी।
वर्तमान में आठ से 11 इंच मोटी सड़क बनती है। ग्रामीण सड़कों को अब 17 से 19 इंच तक मोटा करने का निर्णय लिया गया है, जबकि चौड़ाई 12 से बढ़ाकर 16 फीट तक होगी।
विभाग का मानना है कि शहरी सड़कों की तर्ज पर अब ग्रामीण सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ा है। ग्रामीण इलाकों में पक्के निर्माण कार्य तेजी हो रहे हैं।
इसे देखते हुए विभाग ने अब सर्वे कराकर प्रमुख सड़कों की भी मोटाई व चौड़ाई बढ़ाने का निर्णय लिया है। विभाग ने इंजीनियरों से निर्देश दिया है कि वह ऐसी सड़कों की पहचान करें, जिन पर वाहनों का दबाव अधिक बढ़ गया है।
साथ ही उन सड़कों की भी पहचान करने को कहा गया है, जिसका उपयोग एनएच व एसएच के जाम लगने पर विकल्प के रूप में किया जाता है। विभाग ने तय किया है इन सड़कों को और मोटा बनाया जाएगा।
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