Bihar News: सरकार के इस बड़े फैसले से मिलेगी हाइड्रोसील मरीजों को राहत, फ्री में करवा सकेंगे सर्जरी
हाइड्रोसील के मरीजों में लगभग 80 फीसदी मरीज फाइलेरिया से संक्रमित होते हैं। इनके उपचार में तेजी लाने के लिए सरकार मे बड़ा फैसला किया है। अब आयुष्मान कार्ड पर हाइड्रोसील मरीज सर्जरी करा सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मार्च तक हरहाल में सभी मरीजों की सर्जरी का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है। इस फैसले से मरीजों को काफी मदद मिलेगी।
जागरण संवाददाता, पटना। स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने हाइड्रोसील रोगियों के लिए राहत की खबर दी है। हाइड्रोसील के 80 प्रतिशत मरीज फाइलेरिया से संक्रमित होते हैं। अब ये मरीज आयुष्यमान योजना के तहत फ्री में सर्जरी करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में जनवरी 2024 तक फाइलेरिया संक्रमण के कारण 17 हजार 390 ऐसे हाइड्रोसील के मरीज थे जिनकी सर्जरी नहीं हुई थी। 30 नवंबर तक इनमें से 7 हजार 380 का ऑपरेशन हो चुका है। शेष लोगों की सर्जरी जल्द से जल्द कराने के लिए पंचायत से जिला स्तर तक सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
- डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि आयुष्मान कार्डधारी संबद्ध सरकारी-निजी अस्पतालों में इसके जरिए सर्जरी करा सकते हैं।
- रोगियों को परेशानी नहीं हो इसलिए संबद्ध निजी अस्पतालों से अपील की गई है कि वे राज्य फाइलेरिया नियंत्रण कार्यालय को इसकी सूचना देकर फाइलेरिया संक्रमित हाइड्रोसील मरीजों का ऑपरेशन करें।
- जनवरी में चिह्नित रोगियों का पुनरीक्षण किया जा रहा है ताकि सभी पात्र रोगियों को समय पर उपचार मिल सके।
- इससे हाइड्रोसील रोगियों की सही संख्या पता चलने के साथ ऑपरेशन प्रक्रिया भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद मिलेगी।
बताते चलें कि गुरुवार को दैनिक जागरण ने सर्जरी की धीमी गति की समस्या को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मार्च तक हरहाल में सभी मरीजों की सर्जरी का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया है।
फाइलेरिया के कारण 80 प्रतिशत को होती यह समस्या
डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस रोग के 80 प्रतिशत मरीज फाइलेरिया संक्रमित होते हैं। सरकार ने मार्च तक इन सभी की सर्जरी की निशुल्क सर्जरी कराने के लिए पीएचसी, अनुमंडल, रेफरल, जिला अस्पतालों से लेकर मेडिकल कॉलेजों तक में कैंप मोड में व्यवस्था की है।
स्वास्थ्यकर्मियों, आशा कार्यकर्ता व स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से मरीजों को सर्जरी के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
इस पहल का सबसे ज्यादा लाभ उन लोगों को हो रहा है जो आर्थिक तंगी के कारण सर्जरी नहीं करा पाते व इस शर्मनाक स्थिति से जूझने को विवश हैं।
इस पहल के तहत कई विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मरीजों को अस्पताल लाने व घर पहुंचाने की निशुल्क एंबुलेंस सुविधा दी जा रही है। सर्जरी के बाद पोस्ट-आपरेटिव केयर के लिए दवाएं मुफ्त दी जाती हैं।
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