Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sitamarhi News: सीतामढ़ी के लोगों की बल्ले-बल्ले, सरकार देने जा रही बड़ी सौगात; 500 एकड़ भूमि तलाशने के आदेश

    Sitamarhi News सीतामढ़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान सीतामढ़ी में उद्योग लगाने के लिए 500 एकड़ भूमि चिह्नित करने के आदेश दिए हैं। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि पलायन भी रुकेगा और समृद्धि के द्वार खुलेंगे। इसके अलावा बागमती नदी के टूटे बांध की मरम्मत भी की जाएगी और दोनों तटबंधों का सुदृढ़ीकरण होगा जिससे आवागमन सुचारू होगा।

    By Mukesh Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 27 Dec 2024 12:41 PM (IST)
    Hero Image
    सीतामढ़ी को नीतीश सरकार की तरफ से मिली बड़ी सौगात (जागरण)

    जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। Sitamarhi News: सीतामढ़ी के लोगों के लिए दिल को खुश कर देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल,  प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी में उद्योग लगाने के लिए 500 एकड़ भूमि चिह्नित करने के आदेश दिए हैं। उस भूमि पर उद्योग लगाए जाएंगे। जिससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बागमती के टूटे बांध की होगी मरम्मत

    नीतीश कुमार ने कहा कि पिछली बाढ़ में बागमती नदी का तटबंध टूटने से सीतामढ़ी जिला का एक बड़ा भूभाग प्रभावित हुआ है। इसलिए आज शिवहर से आते समय हेलीकाप्टर से इस बांध का भी मैंने निरीक्षण किया है। इसके टूटे हिस्से की मरम्मत तुरंत कराई जाएगी। साथ ही लोगों की पुरानी मांग को देखते हुए मैंने यह भी निर्देशित किया है कि बागमती नदी के दोनों तटबंधों का सुदृढ़ीकरण किया जाए और उसके ऊपर सड़क बनाई जाए।

    बांध के मरम्मत होने से रोजगार के अवसर खुलेंगे

    मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से एक ओर जहां पलायन रुकेगा, अपनी माटी पर रोजगार के तमाम अवसर पैदा होंगे जिससे समृद्धि के द्वार खुलेंगे। वहीं दूसरी तरफ बागमती नदी के दोनों तटबंधों को सुदृढ़िकरण से पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी होते हुए मुजफ्फरपुर तक आवागमन सुचारू होगा इससे भी रोजगार-व्यापार के ढेरों अवसर पैदा होंगे।

    सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

    समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विकास कार्यों का स्थल पर जाकर जायजा लिया। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी ली।

    लोगों की समस्याएं सुनी है। इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएं बताई हैं, उनको भी अधिकारियों ने नोट कर लिया है। सभी समस्याओं का समाधान पूरी तत्परता से किया जाएगा। जो भी विकास कार्य बचे हुए हैं उनको त्वरित गति से पूर्ण किया जाएगा। हम लोगों की सेवा करते हैं।

    हम हमेशा राज्य के विकास के कार्यों में लगे रहते हैं। हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं। वोट देना जनता का अधिकार है जिसे देना है दें, हम सभी के लिए काम करते रहेंगे। हम सब मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे।

    हम गलती से इधर से उधर चले गए, अब साथ रहेंगे

    सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 24 नवंबर, 2006 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2006 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी।

    शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है।

    हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे। अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे।

    बाढ़ से चार माह तक राज्य से कट जाने वाला सीतामढ़ी में पहुंचना अब आसान

    • मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं।
    • बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है।
    • हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है।
    • जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटा किया गया है।
    • पहले बरसात के महीने में सीतामढ़ी राज्य से 4 महीने के लिए कट जाता था, लेकिन अब समय भी बच रहा है

    साइकिल योजना लड़कियों के लिए बनी वरदान

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना, वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना, बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है।

    नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों को जब साइकिल दी गई तो वे स्कूल समय पर जाने लगीं और साथ ही शाम में अपने माता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य देखकर काफी अच्छा लगता है।

    महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक चार चुनाव हो गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है।

    वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है।

    बिहार में 30 हजार की संख्या में महिला पुलिस है। वर्ष 2018 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2008 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया।

    बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दौदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। हमलोगों के काम का असर पूरे देश पर पड़ता है।

    शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू

    बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है, जिनमें अब तक 26 हजार जीविका दीचियां जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है।

    अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

    अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई है।

    हमलोगों ने बिहार में जाति आधारित गणना कराई जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिहिन्त किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।