Bihar Paper Leak: कब तक भागेगा संजीव मुखिया? अब EOU कोर्ट ने दे दिया ये ऑर्डर; 1 महीने के अंदर...
सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में अदालत ने फरार आरोपित संजीव मुखिया के खिलाफ इश्तेहार चस्पा करने का आदेश दिया है। एक महीने के भीतर आत्मसमर्पण न करने पर उनकी संपत्तियों की कुर्की की जा सकती है। यह मामला 2023 में सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद सामने आया था जिसमें संजीव मुखिया और उनकी गैंग पर लीक करने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, पटना। सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक (Bihar Sipahi Bharti Paper Leak) मामले में आर्थिक अपराध इकाई की विशेष अदालत के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अमित वैभव की अदालत ने बुधवार को मामले में फरार चल रहे आरोपित संजीव मुखिया के खिलाफ इश्तेहार चस्पा करने का आदेश जारी किया है।
अदालत ने आरोपित को एक माह के अंदर इस मुकदमे में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। एक माह के अंदर आत्मसमर्पण नहीं करने पर संजीव मुखिया की संपत्तियों की कुर्की-जब्ती का आदेश जारी हो सकता है। इस संबंध में पटना पुलिस ने अदालत में एक आवेदन दिया था। आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला?
संजीव मुखिया नालंदा के नगरनौसा प्रखंड की भुतहाखार पंचायत का मूल निवासी है। केंद्रीय सिपाही चयन बोर्ड की ओर से सिपाही भर्ती परीक्षा एक अक्टूबर 2023 को आयोजित की गई थी।
सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने के बाद तीन अक्टूबर 2023 को बोर्ड ने परीक्षा रद्द कर दी थी। इस संबंध में पूरे राज्य में करीब 74 प्राथमिकी विभिन्न जिलों में दर्ज की गई थी। पटना स्थित आर्थिक अपराध इकाई ने एक प्राथमिकी कर मामले की जांच की।
जांच में यह पाया गया कि उक्त सिपाही भर्ती परीक्षा 2023 के प्रश्न पत्र कोलकाता के एक प्रिंटिंग संस्था में छपे थे, जहां से आगे की कार्रवाई एक दूसरी संस्था ने की थी।
उस संस्था ने बिना अधिकारियों को सूचित किये प्रश्न पत्र एक वेयरहाउस में लाकर छह दिनों तक रखे थे, जबकि उसे राज्य कोषागार में जमा करना था। इस वेयरहाउस से संजीव मुखिया गैंग के लोगों द्वारा प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप है।
सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा में फर्जीवाड़े के तीन आरोपित अभ्यर्थी गिरफ्तार
सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा पास कराने के लिए सभी जिलों में दलालों का गिरोह सक्रिय था। जैसे-जैसे अभ्यर्थी पकड़े जा रहे हैं, उनके जिले के बिचौलियों और स्कालर की पहचान हो रही है। हालांकि, अब तक बिचौलिये और स्कालर पकड़े नहीं गए। अभ्यर्थियों से 50 हजार रुपये से लेकर पांच लाख तक वसूलने की बात सामने आई है।
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) में प्रतिनियुक्त दारोगा अमृता प्रियदर्शनी की लिखित शिकायत पर मंगलवार को अभ्यर्थी, बिचौलिये और स्कॉलर समेत 12 आरोपितों के विरुद्ध गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी की गई। थानेदार संजीव कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अभ्यर्थियों को जेल भेज दिया गया है। अन्य आरोपितों के नाम और पते का सत्यापन करा गिरफ्तारी की जाएगी।
बताया गया है कि गर्दनीबाग स्थित पटना हाईस्कूल में सिपाही भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा चल रही है। मंगलवार को फर्जीवाड़े के आरोप में बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थानांतर्गत देवकुली निवासी मंदीप सिंह यादव, सारण जिले के डोरीगंज में रसलपुर निवासी चंचल कुमार और अरवल जिले के कुर्था थानांतर्गत मेदनीपुर बड़हिया निवासी नितिश कुमार को गिरफ्तार किया गया।
मंदीप ने पूछताछ में बताया कि उसने आरा के करम कुमार के माध्यम से स्कालर बिठा कर लिखित परीक्षा पास की थी। वहीं, चंचल ने दीघवारा निवासी बिचौलिये राजेश राम और विपिन सिंह से पांच लाख रुपये में लिखित परीक्षा पास करने के लिए सौदा तय किया था। स्कॉलर बैठाने के लिए उसने एक लाख रुपये का अग्रिम भुगतान किया था।
नितिश ने कहा कि उसके बदले जहानाबाद के गोलू कुमार उर्फ अमित कुमार ने परीक्षा दी थी। रंजन ने उससे संपर्क कराया था। तीनों अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्होंने सेंटर के बाहर अपनी तस्वीर खिंचवाई और अंगूठे का निशान लगवाया था, लेकिन परीक्षा हाल में स्कालर बैठा। वहां उसकी तस्वीर और अंगूठे का निशान लिया गया था। ऐसे में उन परीक्षा केंद्रों के प्रबंधक भी संदेह के दायरे में हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।