Nitish Vs Tejashwi: 50 से 70 सीटों का सियासी 'खेल', मुस्लिम वोटरों पर नजर; कौन मारेगा बाजी?
बिहार में पहले चरण का चुनाव नजदीक आते ही राजद और जदयू मुस्लिम वोटों के लिए होड़ में हैं। तेजस्वी यादव ने वक्फ कानून संशोधन को रद्द करने का वादा किया है, जबकि नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय को बिना भेदभाव के हक देने की बात कही है। नीतीश कुमार ने पिछली सरकारों पर मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार। PTI
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। बिहार विधानसभा 2025 का पहले चरण का चुनाव करीब आते ही मुस्लिम वोटरों को लेकर राजद और जदयू की दावेदारी के अपने-अपने एंगल हैं। तेजस्वी यादव ने वक्फ कानून को निशाना बनाते हुए मुस्लिम समाज के वोटरों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। कई जगहों पर उन्होंने यह कहा कि उनकी सरकार आई तो वह वक्फ कानून के में जो संशोधन हुए हैं उसे डस्टबिन में फेंक देंगे।
दूसरी ओर, जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि जब वक्फ कानून बिल के रूप में आया था तब जदयू ने इस मसले पर संयुक्त संसदीय कमेटी के गठन का सुझाव दिया था। जदयू की सलाह पर संयुक्त संसदीय कमेटी का गठन भी किया गया। जब यह बिल पास हुआ तो जदयू के संशोधन को केंद्र में रख गया। कानून तो कानून है उसे कोई उसे डस्टबीन में कैसे फेंक सकता है।
मुस्लिम समाज के वोटरों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी याद दिला रहे हैं कि उनकी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के लोगों को उनका पूरा हक दिया है। उन्होंने दावा किया मुस्लिम समाज को हर क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व मिल रहा है। राजद का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए किया और उन्हें कोई हिस्सेदारी नहीं दी।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इस बात पर भी जोर दे रहें हैं कि विधानसभा चुनाव के समय कुछ लोग फिर से अपने आप को मुस्लिम समुदाय का हितैषी बताने में जुट गए हैं। सिर्फ मुस्लिम वर्ग के लोगों का वोट हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
नीतीश कुमार मुस्लिम समाज से यह भी कह रहे हैं कि उनकी सरकार ने इस समाज के लिए जो काम किया है उसे याद रखिए और उसके आधार पर तय कीजिए कि वोट किसे देना है।
बता दें कि बिहार में मुस्लिमों की आबादी लगभग 17.7 प्रतिशत है। यह आबादी बिहार के 50 से 70 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करता है है। सीमांचल के जिले जैसे किशनगंज, कटिहार, अररिया व पूर्णिया में मुस्लिम वोटराें की संख्या 40 प्रतिशत तक है।
किशनगंज में 68 प्रतिशत, कटिहार में 44, अररिया में 43 और पूर्णिया में 39 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 19 मुस्लिम विधायक चुने गए थे जो कुल विधायकों का आठ प्रतिशत है।
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