पटना एयरपोर्ट बना लालू परिवार की सियासी दूरी का गवाह, जब तेज प्रताप और तेजस्वी आमने-सामने आए तो क्या हुआ?
बिहार में चुनावी माहौल के बीच पटना एयरपोर्ट पर तेजप्रताप और तेजस्वी यादव का आमना-सामना हुआ। दोनों भाइयों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई, जिससे राजनीतिक दूरियां उजागर हुईं। तेजप्रताप, जो जनशति जनता दल के मुखिया हैं, और तेजस्वी, महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार, ने एक-दूसरे को अनदेखा किया। इस घटना ने लालू परिवार में राजनीतिक दरार की अटकलों को और बढ़ा दिया है।

पटना एयरपोर्ट पर तेज-तेजस्वी आमने-सामने
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति इन दिनों विधानसभा चुनाव में जुटी है। पक्ष-विपक्ष के बीच शब्दों के बाण निरंतर चल रहे हैं। बिहार के दोनों गठबंधन प्रदेश में अपनी-अपनी सरकार बनने के दावे हो रहे हैं।
राजनीति की इस आपाधापी के बीच पहले चरण के मतदान के पूर्व पटना एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के दोनों पुत्रों का आमना-सामना हो गया।
दिलचस्प यह रहा कि दोनों भाइयों के बीच न कोई अभिवादन हुआ और न ही एक शब्द का आदान-प्रदान। इस ठंडे व्यवहार ने दोनों के रिश्तों और राजनीतिक दूरी पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एयरपोर्ट पर बंडी खरीद रहे थे तेजप्रताप तभी...
तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav), जो अब अपनी नई पार्टी जनशति जनता दल के मुखिया हैं। वे मंगलवार को चुनावी अभियान के सिलसिले में हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने एयरपोर्ट पहुंचे थे।
उड़ान के पहले एयरपोर्ट के ड्यूटी-फ्री एरिया में वे एक दुकान पर बंडी खरीदने पहुंच गए और काली बंडी की तलाश में थे। ठीक उसी समय उनके छोटे भाई और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी एयरपोर्ट पहुंचे।
उनके साथ वीआइपी नेता मुकेश सहनी भी थे। दोनों के बीच कुछ मीटर की दूरी थी, लेकिन किसी ने एक दूसरे की ओर नजर तक नहीं उठाई।
तेजस्वी ने सवाल जरूर पूछा
हालांकि, तेज प्रताप के साथ खड़े एक मीडिया कर्मी को इशारा करते हुए तेजस्वी ने सवाल जरूर पूछा कि क्या भईया शापिंग करा रहे हैं। बावजूद तेज प्रताप की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
यहां बताएं कि तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच खींचतान नई नहीं है। महुआ विधानसभा सीट से तेजप्रताप के खिलाफ तेजस्वी के प्रचार में उतरने के बाद से दोनों के बीच सियासी तल्खी खुलकर सामने आ चुकी है।
भाई बनाम भाई की राजनीति लोगों की जुबान पर है। यह मुलाकात अब उसी सियासी खटास का नया अध्याय बन गई है। राजद खेमे के नेता भले ही इसे सिर्फ संयोग बता रहे हों, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे प्रतीकात्मक दूरी मान रहे हैं।
चुनावी मौसम में दोनों भाई
चुनावी मौसम में दोनों भाइयों का इस तरह आमने-सामने होकर भी मौन रहना इस बात का संकेत है कि लालू परिवार में राजनीतिक दरार अब केवल अफवाह नहीं रह गई।
चुनाव के आखिरी दौर में जब तेजस्वी यादव महागठबंधन के चेहरे के तौर पर राज्यभर में प्रचार में जुटे हैं, वहीं तेजप्रताप यादव अपने सीमित लेकिन अलग जनाधार के साथ मैदान में हैं।
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