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    Bihar Politics: मंगनीलाल तैयार कर रहे RJD की 'सारण फाइल्स', लालू-तेजस्वी भितरघातियों पर लेंगे एक्शन!

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 09:15 PM (IST)

    राजद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हार के कारणों की समीक्षा कर रही है। सारण प्रमंडल में भी मगध जैसी ही चुनौतियां सामने आईं। प्रत्याशियों ने विरोधी दलों द्वारा राजद की दबंग छवि बनाने, महागठबंधन में समन्वय की कमी और भितरघात को हार का कारण बताया। पार्टी अब शीर्ष नेतृत्व के साथ मिलकर संगठन को मजबूत करने और भितरघातियों पर कार्रवाई करने की रणनीति बनाएगी।

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    तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव।

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में पराजय की कारणों की समीक्षा में जुटे राजद के लिए सारण प्रमंडल में भी कमोबेश उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जो मगध में पेश आई थी। प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल के नेतृत्व में बुधवार से शुरू हुई प्रमंडलवार समीक्षा के क्रम में गुरुवार को सारण प्रमंडल की बारी रही।

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    वहां राजद के प्रत्याशी रहे लोगों से मंडल ने एक-एक कर बात की। प्रत्याशियों ने बताया कि विरोधी जन-मन में येन-केन-प्रकारेण राजद की छवि दबंग के रूप में बनाने में काफी हद तक सफल रहे।

    इसके अलावा महागठबंधन में समन्वय की कमी और भितरघातियों के कारण पराजय का सामना करना पड़ा। पार्टी ने सभी प्रत्याशियों से लिखित में भी पराजय का ब्योरा ले लिया है। अब आगे शीर्ष नेतृत्व द्वारा विश्लेषण होगा और आवश्यकतानुसार कार्रवाई भी।

    समीक्षा में मंडल का सहयोग राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी और राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव कर रहे। बुधवार को मगध प्रमंडल की समीक्षा हुई थी। वहां भी हार के पीछे कमोबेश वही कारण बताए गए, जो सारण प्रमंडल में।

    2020 के चुनाव में इन दोनों प्रमंडलों की बढ़त ने विधानसभा में राजद को सबसे बड़े दल का रुतबा दिलाया था। इन दोनों प्रमंडलों के बूते इस बार भी राजद आश्वस्त था और एनडीए के मजबूत किलों में सेंधमारी कर आगे निकलने की रणनीति बनाए हुए था।

    सेंधमारी तो दूर, वह अपने मजबूत गढ़ों को भी नहीं बचा पाया। बहरहाल हार के कारणों का आकलन करने के लिए हो रही दो चरणों की इस समीक्षा का क्रम नौ दिसंबर को पूरा होगा।

    उसके बाद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में वरीय पदाधिकारियों व नेताओं की बैठक कर संगठन को मजबूत करने की रणनीति बनाने के साथ भितरघातियों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्णय होगा।

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