विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए जारी हुई नई गाइडलाइन, शिक्षा विभाग को अब से देनी होगी इस बात की जानकारी
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से निर्माण और जीर्णोद्धार की नई योजनाओं का मसौदा शिक्षा विभाग ने मांगा है जिससे बजट का प्रविधान किया जा सके। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए किया गया है ताकि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों से निर्माण एवं जीर्णोद्धार की नई योजनाओं का मसौदा शिक्षा विभाग ने मांगा है, ताकि उसके लिए बजट का प्रविधान किया जा सके।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षण संस्थानों की नई योजनाओं का चयन और अनुशंसा लेना अनिवार्य कर दिया है, जो नये वित्तीय वर्ष से प्रभावी होगा। विभाग ने नई योजना का चयन एवं अनुशंसा को लेकर कमेटियां भी गठित की हैं।
शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के आंतरिक स्रोत के आय से ही होगा। विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में निर्माण एवं विकास कार्य के लिए अनुदान की मांग पोर्टल के माध्यम से करने को कहा गया है।
योजनाओं की प्राथमिकता को दो श्रेणियों में बांटा गया
- योजनाओं की प्राथमिकता को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में शौचालय की उपलब्धता, पेयजल की सुविधा, वर्गकक्ष, प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लासरूम एवं पुस्तकालय रखा गया है।
- दूसरी श्रेणी में कुलपति, वरीय अधिकारी, प्रधानाचार्य कक्ष, कार्यालय कर्मियों के लिए आवश्यक सुविधा, शिक्षक कक्ष, वाचनालय, परिसर विकास, चहारदीवारी एवं कॉमन रूम को रखा गया है।
- साथ ही विश्वविद्यालयों के जीर्णोद्धार योजना चयन एवं अनुशंसा को लेकर मुख्यालय स्तर पर शिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है।
जिला स्तर पर बनाई गई कमेटी
उच्च शिक्षा निदेशक इसके संयोजक सदस्य तथा संबंधित विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं बीएसआईडीसी के मुख्य अभियंता/अधीक्षण अभियंता सदस्य बनाए गए हैं।
वहीं, अंगीभूत महाविद्यालयों के योजनाओं के चयन एवं अनुशंसा के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनायी गयी है। इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी एवं संयोजक सदस्य जिला शिक्षा पदाधिकारी बनाए गए हैं।
सभी विश्वविद्यालयों के साथ होगा शिक्षा विभाग का संवाद
शिक्षा विभाग अब नियमित रूप से हर माह विश्वविद्यालयों के साथ संवाद करेगा। इस दौरान विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में विकास कार्यों से लेकर विभिन्न मदों में आवंटित राशि का व्यय संबंधी जानकारी ली जाएगी।
इसके लिए हर माह के तीसरे शुक्रवार को शिक्षा विभाग में विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों, वित्तीय परामर्शियों एवं वित्त पदाधिकारियों की बैठक होगी। इससे संबंधित निर्देश शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव द्वारा सभी कुलपतियों को दिया है।
मासिक बैठक के एजेंडे में बजट, आवंटन एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र के तहत पे रौल मैनेजमेंट पोर्टल पर सभी सूचनाओं को अपलोड किया जाना, विश्वविद्यालयों को दिए गए आवंटन के तहत वास्तविक व्यय की स्थिति, समर्थ पोर्टल के माध्यम से नये वित्तीय वर्ष का बजट प्रस्ताव, आंतरिक, वित्त विभाग एवं महालेखाकार अंकेक्षण एवं अनुपालन की स्थिति, न्यायालीय मामले, अकादमिक एवं प्रशासनिक स्थिति भी शामिल हैं।
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