Bihar News: बिहार में सीओ और राजस्व अधिकारियों के लिए बड़ी खबर, अब इस स्थिति में संभालना होगा अतिरिक्त प्रभार
सीओ और राजस्व अधिकारी में से किसी एक के लंबी छुट्टी में जाने की स्थिति में उपस्थित अधिकारी दोनों के लिए आवंटित सभी कार्य करेंगे। राजस्व अधिकारी का पदस्थापन न होने की स्थिति में अंचलाधिकारी किसी वरीय राजस्व कर्मचारी को राजस्व पदाधिकारी का प्रभार भी दे सकते हैं। यही व्यवस्था उन अंचलों में रहेगी जहां राजस्व पदाधिकारी के पद रिक्त हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अंचलों में रिक्त सीओ और राजस्व पदाधिकारी के पदों का प्रभार देने का निर्णय किया है। नई व्यवस्था के तहत अगर किसी अंचल में सीओ का पद रिक्त है और राजस्व पदाधकारी पदस्थापित हैं तो राजस्व पदाधिकारी ही सीओ का काम भी देखेंगे।
यही व्यवस्था उन अंचलों में रहेगी, जहां राजस्व पदाधिकारी के पद रिक्त हैं। ऐसे अंचलों में सीओ को राजस्व पदाधिकारी की जिम्मेवारी दी गई है।
प्रभार की व्यवस्था तुरंत लागू करने का आदेश
विभाग के संयुक्त सचिव कंचन कपूर ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे प्रभार की व्यवस्था को तत्काल लागू करें। पत्र में इस बात पर आपत्ति प्रकट की गई है कि अंचलों में राजस्व सेवा के किसी अधिकारी के पदस्थापित होने के बावजूद जिला स्तर के अन्य सेवा के अधिकारियों को सीओ या राजस्व पदाधिकारी का प्रभार दिया जा रहा है। किसी अमीन को राजस्व कर्मचारी का प्रभार देने को भी गलत बताया गया है। इसे अनुचित करार दिया गया है।
पत्र में कहा गया है कि हर हाल में राजस्व कर्मचारी को ही रिक्त हल्का का प्रभार दिया जाए। इसके अलावा, राजस्व कर्मचारियों के बीच हलका का प्रभार देने में संतुलन बनाने की सलाह दी गई है।
पत्र के अनुसार, किसी राजस्व कर्मचारी को चार-चार विधानसभा का प्रभार दिया जा रहा है। किसी कर्मचारी के पास एक ही हलका है। वैसे अंचल जहां, सीओ और राजस्व अधिकारी के पद रिक्त हैं, उनका प्रभार निकटवर्ती अंचल के अधिकारियों को देने के लिए कहा गया है। किसी अंचल में एक ही अधिकारी हैं तो वे म्यूटेशन के लिए जारी सम-विषम व्यवस्था को लागू करने के लिए अधिकृत किए गए हैं।
सीओ और राजस्व अधिकारी में से किसी एक के लंबी छुट्टी में जाने की स्थिति में उपस्थित अधिकारी दोनों के लिए आवंटित सभी कार्य करेंगे। राजस्व अधिकारी का पदस्थापन न होने की स्थिति में अंचलाधिकारी किसी वरीय राजस्व कर्मचारी को राजस्व पदाधिकारी का प्रभार भी दे सकते हैं।
यह जरूरत क्यों पड़ी?
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में सीओ और राजस्व पदाधिकारियों के स्थानांतरण पदस्थापन किए गए थे। इनमें अनियमितता की शिकायत मिली थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप पर इसपर रोक लग गई। उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही संशोधित सूची के अनुसार स्थानांतरण किए जाएंगे। यह नहीं हुआ। इसलिए नई व्यवस्था की गई है।
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