Bihar News: बिहार में 3758 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे पुल, वार्षिक कार्ययोजना के तहत मिली मंजूरी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बिहार की वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 के तहत राज्य में पुल निर्माण के लिए 3758 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसमें केवल तीन परियोजनाओं में ही 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके बाद बची राशि 5 परियोजनाओं में खर्च होगी। इनमें से किसी भी परियोजना में सौ करोड़ रुपये भी नहीं खर्च किए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। पुलों के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बिहार की वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 के तहत 3758 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। दिलचस्प यह है कि अकेले तीन प्रोजेक्ट के लिए ही 3500 करोड़ रुपये का आवंटन है। शेष राशि पांच परियोजनाओं के बीच बंटी है। जिन पुलों के लिए वार्षिक कार्ययोजना के तहत राशि मिली है उनमें एक पटना का है।
सबसे अधिक 1800 करोड़ रुपये गंडक पर नए पुल के निर्माण के लिए
पुलों के निर्माण के लिए वार्षिक कार्य योजना के तहत जो राशि आवंटित की गई है उनमें सबसे अधिक राशि गंडक पर नए पुल के निर्माण को मिली है। गंडक नदी पर बेतिया से यूपी के सेवराही (एनएच 727एए) के बीच एप्रोच रोड सहित 20 किमी लंबे पुल का निर्माण किया जाना है। इसके लिए 1800 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
पटना में एक प्रोजेक्ट के लिए 1308 करोड़
वार्षिक कार्ययोजना के तहत पटना के एक प्रोजेक्ट के लिए 1308 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। अनिसाबाद से पटना एम्स के बीच 10 किमी लंबे एलिवेटेड कारिडोर के लिए 1308 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
कमला नदी पर फोर लेन पुल के निर्माण के लिए 400 करोड़
एनएच 227 (पुराना एनएच 104) पर कमला नदी पर दो किमी लंबाई में फोर लेन पुल के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
पांच परियोजनाएं ऐसी जिनमें एक के लिए भी सौ करोड़ नहीं
जिन पांच अन्य पुल परियोजनाओं के लिए वार्षिक कार्ययोजना के तहत राशि आवंटित की गई है उनमें एक भी प्रोजेक्ट ऐसा नहीं है, जिसके लिए सौ करोड़ की राशि आवंटित हुई है।
एनएच 333 ए पर नारायणा ब्रिज को दुरुस्त करने के लिए 50 करोड़, एनएच 333 ए पर ही मांगोबंदर पुल को दुरुस्त करने को 50 करोड़, एनएच 333 ए पर ही सती घाट पुल के लिए 10 करोड़, एनएच 322 पर मगरदाही घाट पुल के निर्माण के लिए 65 करोड़ तथा एनएच 131 पर कटया हाइडल पर पुल निर्माण के लिए 75 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। सभी पुलों का निर्माण ईपीसी मोड में कराया जाएगा।
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