Bihar: 10वीं के फर्जी प्रमाण पत्र पर पास की BPSC परीक्षा, नौकरी मिलते ही अवैध संपत्ति बनाने में जुटे
बिहार में एक अंचलाधिकारी प्रिंस राज ने दसवीं का फर्जी प्रमाण पत्र इस्तेमाल कर बीपीएससी परीक्षा पास की। एसवीयू की छापेमारी में उनकी आय से 93% ज्यादा अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ। उन्होंने पद का दुरुपयोग करके यह संपत्ति अर्जित की। उनके ठिकानों से मकान फ्लैट बैंक खाते और सोने-चांदी के जेवरात बरामद हुए हैं। इन्होंने विभिन्न पदस्थापन के दौरान काफी काली कमाई की।

राज्य ब्यूरो, पटना। भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई में बुधवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सुपौल के तत्कालीन निलंबित अंचलाधिकारी (सीओ) प्रिंस राज के दो ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। छापेमारी के दौरान इनके ठिकानों से अकूत चल-अचल संपत्ति बरामद की गई है। अपने छह वर्ष के सेवा काल में प्रिंस राज ने आय से करीब 93 प्रतिशत ज्यादा अवैध संपत्ति अर्जित की है।
यहीं नहीं छापामारी में यह प्रमाण भी मिले हैं कि इन्होंने फर्जी मैट्रिक परीक्षा प्रमाण पत्र बनवाया, चार साल उम्र घटाई और इसी के आधार पर बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा तक पास की।
मधुबनी और शेखपुरा में एक साथ मारा छापा
प्रिंस राज निलंबन के बाद फिलहाल कोसी प्रमंडल में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनके बारे में एसवीयू को प्रमाण मिले थे कि पद का दुरुपयोग कर इन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की है। जिसके बाद इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद एसवीयू की टीम ने बुधवार की सुबह इनके मधुबनी और शेखपुरा के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा।
छापेमारी में यह जानकारी मिली है कि इन्होंने विभिन्न पदस्थापन के दौरान काफी काली कमाई की। छापामारी में कई आवासीय मकान, फ्लैट, विभिन्न बैंकों में प्रिंस राज और उनकी पत्नी के नाम के बैंक खाते, फिक्स डिपाजिट में निवेश के प्रमाण के साथ ही लाखों रुपये के सोने-चांदी के जेवरात बरामद किए गए हैं।
आरोपित की पत्नी अंकु गुप्ता के नाम बैंक ऑफ इंडिया हजारीबाग में एक लाकर की जानकारी भी प्राप्त हुई है। अब तक की कार्रवाई में मिली संपत्ति इनकी वर्णित आय की तुलना में कई गुना अधिक है।
अब तक बरामद संपत्ति
- प्रिंस राज का आवासीय घर, चंडी चौक, खिरहर, बेनीपट्टी, मधुबनी
- पत्नी अंकु गुप्ता का आवासीय परिसर, अरियरी, शेखपुरा बाजार
- आवासीय परिसर, दीपगढ़ा, सदर, हजारीबाग
- निर्माणाधीन आवासीय परिसर, रेलवे स्टेशन के पास मधुबनी
- विभिन्न बैंकों में प्रिंस राज और उनकी पत्नी के नाम के बैंक खाते
- फिक्स डिपाजिट में निवेश के प्रमाण व लाखों के सोने-चांदी के जेवरात
- हजारीबाग में पत्नी के नाम एक बैंक लाकर के प्रमाण भी मिले
धर्मेद्र के नाम द्वितीय श्रेणी में पहले पास की परीक्षा, फिर प्रिंस राज के नाम बनवाया फर्जी प्रमाण पत्र
विशेष निगरानी के अनुसार छापामारी के दौरान प्रिंस राज के बारे में यह जानकारी सामने आई कि इन्होने धर्मेद्र कुमार के नाम पर मैट्रिक की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की थी। जिस वजह से यह आइटीआइ प्रवेश के लिए मान्य नहीं थे।
फिर आरोपित ने अपना प्रिंस राज के नाम से दूसरा फर्जी प्रमाण पत्र बनाया और इसका उपयोग कर बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की। अभियुक्त ने जन्म तिथि में भी हेरफेर की और चार साल का लाभ भी लिया। जिसकी जांच अलग से होगी। विशेष निगरानी इकाई ने इन्हें एक भ्रष्ट अधिकारी बताया है।
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