Bihar News: सक्षमता परीक्षा के खिलाफ नियोजित शिक्षकों की आवाज बुलंद करेगी भाजपा, रणनीति बनाने में जुटी पार्टी
Bihar News चार लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए बिहार सरकार ने सक्षमता परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। इधर भाजपा भी नियोजित शिक्षकों के हित में आवाज बुलंद करने के लिए रणनीति बना रही है। पार्टी मान रही है कि इससे शिक्षकों के बीच उसकी अच्छी ब्रांडिंग होगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। नियोजित शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए नीतीश सरकार ने राज्यकर्मी दर्जा देने की घोषणा की है। हालांकि राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए नियोजित शिक्षकों को एक सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी। नियोजित शिक्षक इस परीक्षा का भारी विरोध कर रहे हैं।
नियोजित शिक्षकों के इस विरोध को प्रदेश भाजपा चुनावी मुद्दे की तरह लपकने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग द्वारा कई छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं। उस पर भी भाजपा के आक्रामक रुख ने राज्य सरकार को निर्णय वापस लेने पर बाध्य कर दिया था।
पार्टी मान रही कि इससे शिक्षकों के बीच उसकी अच्छी ब्रांडिंग हुई है और उसे मजबूत बनाते हुए चुनावी लाभ लेने के लिए नियोजित शिक्षकों के लिए मुखर होने की आवश्यकता है।
आश्वासनों के बीच झूलते रहे हैं नियोजित शिक्षक: BJP
भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का कहना है कि नियोजित शिक्षक अपने अधिकार को लेकर संघर्षरत है। वर्ष 2006 से नियोजित शिक्षकों की ओर से लगातार आंदोलन, प्रदर्शन और हड़ताल की जा रही है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि नियोजित शिक्षक सरकार के आश्वासनों के बीच अभी तक झूलते और उलझते रहे है। पिछले 33 सालों से राज्य में शिक्षा और शिक्षकों की स्थिति लचर बनी हुई है। पिछले 18 वर्षों से नीतीश सरकार और इससे पहले लालू-राबड़ी शासनकाल में शिक्षकों की मांग पूरी नहीं हो पाई।
शिक्षक संघ ने राज्य सरकार के निर्णय को बताया हास्यास्पद
शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि बिहार सरकार की ओर से शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने का जो आदेश जारी किया गया है, वह काफी हास्यास्पद और गैर जवाबदेह है। इस अलोकतांत्रिक निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।