Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बजा बिगुल, यहां तस्वीरों और अंकों से समझें एक-एक बात
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। बिहार में दो चरणों में मतदान होगा - 6 और 11 नवंबर को। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे जिनमें 203 सामान्य 38 दलित आरक्षित और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। आइए तस्वीरों से समझते हैं एक-एक बात...

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। बिहार में दो फेजों में चुनाव होगा। बिहार में 6 और 11 नवंबर को मतदान किए जाएंगे। 14 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। आइए तस्वीरों अंकों से समझते हैं एक-एक बात...
1. बिहार में टोटल 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। बिहार में 203 सामान्य सीट, 38 दलित आरक्षित और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें हैं।
2. बिहार में टोटल 7.43 करोड़ वोटर हैं। जिसमें 3.92 करोड़ पुरूष, 3.50 करोड़ महिला, 1725 ट्रांसजेंडर, पीडब्ल्यूडीएस 7.2 लाख, 85 वर्ष से अधिक उम्र के सीनीयर सिटिजन 4.04 लाख, सौ साल से अधिक उम्र के 14 हजार वोटर, नौकरी पेशा वाले 1.63 लाख वोटर, 20-29 साल के बीच 1.63 करोड़ वोटर और पहली बार 14.01 लाख वोटर वोट देंगे।
3. बिहार में कुल बूथों की संख्या 90,712 है। प्रत्येक बूथ पर एवरेज वोटरों की संख्या 818 है। शहरी इलाकों में 13911 बूथ बने हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 76801 बूथ बने हैं। इन सभी बूथों पर वेबकॉस्टिंग की सुविधा है। दिव्यांगों के लिए 292 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
4. घुड़सवार पुलिस के द्वारा पोलिंग बूथों की पेट्रोलिंग की जाएगी। 197 पोलिंग बूथों पर नाव के सहारे जाएंगी।
5. इस बार मतदान केंद्र सहज सुगम और सुरक्षित होंगे। बूथों पर पोल वॉलंटियर, हेल्प डेस्क, दिव्यांगों के लिए रैंप, टॉयलेट, पीने के लिए पानी आदि की व्यवस्था रहेगी।
6. बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) की ट्रेनिंग
राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलए को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में सहयोग के विभिन्न पहलुओं में प्रशिक्षित किया गया, जिसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत अपील प्रावधान का उपयोग भी शामिल है।
आईआईआईडीईएम में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की ट्रेनिंग
बिहार सहित पूरे भारत के 7,000 से अधिक बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों को आईआईआईडीईएम, नई दिल्ली में प्रशिक्षित किया गया।
पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग
चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था की तैयारियों को सुदृढ़ करने के लिए बिहार पुलिस के लिए विशेष सत्र आयोजित किए गए।
7. बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य किया गया। बिहार में मतदाता सूची का शुद्धिकरण यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए और कोई भी अपात्र व्यक्ति इसमें शामिल न हो।
बीएलओ का पारिश्रमिक दोगुना किया गया है। बीएलओ पर्यवेक्षकों और मतदान/मतगणना कर्मचारियों, सीएपीएफ, निगरानी दलों और सूक्ष्म पर्यवेक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाया गया। पहली बार ईआरओएस और एईआरओएस के लिए मानदेय प्रदान किया गया। जलपान की व्यवस्था भी बढ़ाई गई।
मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) का शीघ्र वितरण करने के आदेश हैं। निर्वाचक नामावली में अद्यतन के 15 दिनों के भीतर मतदाता पहचान पत्र वितरण सुनिश्चित करने के लिए नई मानक प्रक्रिया (एसओपी), वितरण के प्रत्येक चरण पर एसएमएस सूचना के साथ।
क्षेत्र स्तर पर पारदर्शिता और जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए बीएलओ को मानक पहचान पत्र जारी किए गए।
8. मतदाता मतदान केंद्रों पर अपने मोबाइल जमा कर सकते हैं। मतदाताओं के आसान सत्यापन के लिए सीरियल और पार्ट नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए हैं। ईसीआईनेट ऐप पर कई महत्वपूर्ण सेवाएं, जिनमें लगभग रीयल-टाइम मतदाता मतदान अपडेट शामिल हैं। पीठासीन अधिकारी अब मतदान के दिन हर दो घंटे में ईसीआईनेट ऐप पर मतदान डेटा अपलोड करेंगे ताकि अनुमानित मतदान रुझानों को अपडेट करने में लगने वाले समय को कम किया जा सके। एक मतदान केंद्र की सीमा 1200 मतदाता की है।
9. मतदान के दिन, मतदाताओं को अनौपचारिक पहचान पत्र जारी करने के लिए उम्मीदवारों द्वारा बूथ किसी भी मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर स्थापित किए जा सकेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए वेबकॉस्टिंग के माध्यम से निगरानी की जाएगी कि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है या नहीं। ईसीआई ने ईवीएम मतपत्रों को अधिक पठनीय बनाने के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है, ईवीएम में पहली बार उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी।
10. फॉर्म 17सी और ईवीएम डेटा के बीच बेमेल के प्रत्येक मामले में और जहां भी मॉक पोल डेटा गलती से मिटाया नहीं गया हो, वहां वीवीपैट पर्चियों की गणना। ईवीएम/वीवीपैट की गणना का अंतिम से पहले (दूसरे अंतिम) दौर डाक मतपत्रों की गणना के बाद ही शुरू किया जाएगा। सभी हितधारकों के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर चुनाव संबंधी डेटा की पहुंच को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा।
11. सीईसी ने बताया कि अगर कोई भी मतदाता ईसीआई नेट ऐप को डाउनलोड करता है। तो वो अपने बीएलओ से बात कर सकता है।
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