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    नीतीश कैबिनेट का फैसला: बिहार बनेगा AI का हब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की होगी स्थापना

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 08:12 PM (IST)

    बिहार सरकार ने राज्य को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए एआई मिशन की स्थापना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस पहल का उद्देश्य राज्य में नवाचार को बढ़ावा देना, सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देना और विभिन्न क्षेत्रों में एआई के उपयोग को विस्तारित करना है। इससे शोध, उद्यमिता और प्रतिभा विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

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    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। PTI

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार को कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार बिहार ने राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना करेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

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    मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि सरकार नई तकनीकों का समावेश कर नवाचार के माध्यम से राज्य के विकास को संकल्पित है। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से परिवर्तनकारी तकनीक के रूप में स्थापित हो रही है।

    लिहाजा यह आवश्यक हो गया है कि शोध, नवाचार और इस क्षेत्र में अग्रणी उद्योग एवं संस्थाओं का सहयोग प्राप्त कर राज्य को कृत्रिम बुद्धिमता जैसे वैश्विक परिवर्तनकारी क्षमता रखने वाले क्षेत्र में बिहार को अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके। इसका फायदा यह होगा कि सामाजिक, आर्थिक एवं क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

    उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विशेषता बताई और कहा कि एआई और उसके उपयोग से संबंधित नीति का निर्धारण हो सकेगा तथा संस्थानीकरण भी होगा। अग्रणी उद्योगों, संस्थानों की भागीदारी से राज्य में एआई परिस्थितिकी का निर्माण किया जा सकेगा।

    राज्य में एआई के सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, शासन व्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, नगर विकास, परिवहन, एवं उद्योग जैसे क्षेत्रों में तंत्र का विस्तार हो सकेगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर शोध, पेटेंट तथा उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।

    फेलोशिप, रेजिडेंसी तथा विशेषज्ञ कार्यक्रम से दीर्घकालिक प्रतिभा को बढ़ावा मिलेगा। नागरिकों का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए ओपन डाटा को बढ़ावा दिया जाएगा। तकनीकी संस्थानों के माध्यम से शिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। उत्तरदायी एआई इको सिस्टम से संबंधित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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