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    खुशखबरी! बिहार में 460 डॉक्टरों की भर्ती, सीनियर रेजिडेंट सहित इन पदों पर हुए तैनात

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 11:51 AM (IST)

    राज्य सरकार ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद की अनुशंसा के बाद प्रदेश में विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर के पद पर 460 डॉक्टरों की भर्ती की है। इससे डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे अस्पतालों को बड़ी राहत मिलेगी। डॉक्टरों को बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सकों को जो वेतन एवं भत्ता पहले से मिल रहा है उसी के अनुसार वेतन मिलेगा।

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    बिहार में 460 डॉक्टरों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद की अनुशंसा के बाद राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सीनियर रेजिडेंट, ट्यूटर के पद पर 460 डॉक्टरों को तैनात किया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी है। जिन डॉक्टरों को सीनियर रेजिडेंट, ट्यूटर के पद पर तैनात किया है, उनकी पदस्थापना तीन वर्ष के लिए की गई है।

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    पुराने डॉक्टरों की तरह मिलेगा वेतन

    • डॉक्टरों को बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सकों को जो वेतन एवं भत्ता पूर्व से प्राप्त हो रहा है, वही वेतन एव अनुमान्य भत्ता दिया जाएगा।
    • तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद वैसे पदधारक जो बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सक हैं, वे विरमित होने के उपरांत स्वास्थ्य विभाग में योगदान समर्पित करेंगे।
    • बाह्य चिकित्सक उस टेन्योर पद अथवा किसी अन्य पद पर लगातार बने रहने का दावा नहीं कर सकेंगे।

    स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवनियुक्त सीनियर रेजिडेंट को निर्देशित किया गया है कि वे अपने नव पदस्थापित स्थान पर अधिकतम 15 दिनों के अंदर अनिवार्य रूप से योगदान कर कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।

    योगदान के समय वांछित प्रमाण-पत्र यथा मूल शपथ-पत्र संबंधित मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के प्राचार्य/अधीक्षक को समर्पित करेंगे।

    बिहारशरीफ : जीविका दीदी के बने वस्त्र पहनेंगे मरीज

    जीविका दीदी के बने वस्त्र अब सदर अस्पताल और अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती मरीज पहन रहे हैं। सदर अस्पताल मरीजों के बीच सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह भर्ती महिला और पुरुष रोगियों को वस्त्र देकर कार्यक्रम की शुरुआत की।

    इसका लाभ ऐसे गरीब और लाचार मरीजों को सबसे ज्यादा होगा, जिसका कोई देखने वाला नहीं है। सड़क किनारे सड़क हादसे या फिर अन्य कारणों से लावारिस हालत में मिले लोगों को 112 वाहन या कोई व्यक्ति अस्पताल पहुंचाकर चले जाते हैं।

    इसके बाद भर्ती मरीज के शरीर पर कभी-कभी तो कपड़ा तक नहीं रहता है। ऐसी हालत में यहां से वस्त्र मिलने पर लाभ होगा।

    डीपीएम श्याम कुमार निर्मल ने बताया कि जीविका दीदी के द्वारा महिला और पुरुषों का वस्त्र बनाकर बीएमएसआईसीएल के माध्यम से दिया गया है।

    इमरजेंसी और प्रसव कक्ष में तत्काल इसकी शुरुआत की जाएगी। जरूरत पड़ने पर अन्य मरीजों को भी वस्त्र मुहैया कराया जाएगा। सदर अस्पताल में इसके पूर्व जीविका दीदी द्वारा रसोई चलाई जा रही है जिसके माध्यम से भर्ती रोगियों को पौष्टिक भोजन नाश्ता दिया जा रहा है।

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