Prashant Kishor: अस्पताल से घर लौटे पीके, इधर राज्यपाल से मिली जन सुराज की टीम; क्या बोले गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान?
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को शुक्रवार रात मेदांता अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उनके स्वास्थ्य में सुधार आने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। छह जनवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब वे पटना में अपने अस्थायी आवास पर हैं। दूसरी ओर जन सुराज पार्टी की टीम ने राज्यपाल से मुलाकात की।
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य में सुधार के बाद जन सुराज पार्टी (जसुपा) के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) को शुक्रवार रात मेदांता अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
उसी समय वे पटना में शेखपुरा हाउस स्थित अपने अस्थायी आवास पर आ गए। छह जनवरी को वे अस्पताल में भर्ती हुए थे।
शिक्षा-परीक्षा और रोजी-रोजगार के पांच सूत्री मांगों को लेकर वे दो जनवरी से आमरण अनशन पर हैं और अभी अनशन समाप्त करने के बारे में उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है।
मनोज भारती ने राज्यपाल से की मुलाकात
अलबत्ता जसुपा नेताओं के साथ पीके आंदोलन की अगले चरण के संदर्भ में विचार-विमर्श करेंगे। इस बीच कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में जसुपा के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार दोपहर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की।
बीपीएसी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितता और धांधली की शिकायत करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को पीके के आमरण अनशन से भी अवगत कराया।
राज्यपाल ने क्या कहा?
- मनोज भारती ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल ने हमारे ज्ञापन को आद्योपांत पढ़ा और अपील की कि पीके अपना अनशन तोड़ दें।
- राज्यपाल ने कहा कि उन्हें जसुपा और अभ्यर्थियों की मांगें उचित प्रतीत होती हैं और अभ्यर्थियों के शिष्टमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाया जा सकता है।
- प्रतिनिमंडल में किशोर कुमार, सरवर अली, सीताराम यादव, ललन यादव, एनपी मंडल, अरविंद सिंह सम्मिलित थे।
बीपीएससी परीक्षा रद करने को लेकर जन सुराज के नेताओं ने दिया धरना
उधर, गया शहर के गांधी मैदान गेट संख्या पांच के पास शनिवार को जन सुराज के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीपीएससी परीक्षा में की गई अनियमितताओं को लेकर एक दिवसीय धरना दिया।
जिसका नेतृत्व जन सुराज के युवा नेता वसीम अंसारी एवं अध्यक्षता प्रो. दिनेश सिंह ने किया। इस दौरान पार्टी के नेताओं ने बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, और परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच के साथ-साथ पुनर्परीक्षा कराए जाने की मांग की।
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए। नेताओं ने कहा कि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर को गिरफ्तार किया। छात्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करवाया। लोकतंत्र का हनन है।
सरकार जनता और छात्रों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। वसीम नैयर अंसारी ने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रच रही है।
छात्रों पर लाठीचार्ज और प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है। यह आंदोलन बिहार के छात्रों और उनके भविष्य की रक्षा के लिए है।
मौके पर विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रो. रामबली चंद्रवंशी, तजम्मुल खान, नरेश मांझी, प्रियंका यादव, बीडी शर्मा, जितेंद्र पासवान आदि मौजूद थे।
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