Cyber Fraud: ठगों के निशाने पर स्मार्ट मीटर और गैस कनेक्शन उपभोक्ता, मैसेज या कॉल से रहें सावधान
साइबर अपराधी अब बिजली उपभोक्ताओं के साथ-साथ गैस उपभोक्ताओं को भी निशाना बना रहे हैं। स्मार्ट मीटर अपडेट करने और गैस कनेक्शन बंद होने के फर्जी मैसेज भेजकर उपभोक्ताओं को जाल में फंसाया जा रहा है। सावधान रहें और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। इस तरह की ठगी के शिकार होने पर तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं।

जागरण संवाददाता, पटना। साइबर अपराधी बिजली उपभोक्ताओं के साथ अब गैस उपभोक्ताओं को भी निशाने पर ले रहे हैं। स्मार्ट मीटर अपडेट करने और गैस कनेक्शन बंद होने का मैसेज संग लिंक और संपर्क नंबर भेजकर उपभोक्ताओं को जाल में फंसा रहे हैं। ऐप डाउनलोड कराकर एक्सेस लेते हैं और फिर मोबाइल को रिमोट पर ले लेते हैं।
पीड़ित से दस या 20 रुपये ट्रांसफर कराकर पिन कोड नोट देख उनके खाते से रकम की निकासी कर ले रहे हैं। साइबर थाने में इस तरह के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। बीते कुछ माह में सौ से अधिक बिजली उपभोक्ता ठगी के शिकार हो चुके हैं, जिनमें किसी से 50 हजार तो किसी से पांच लाख रुपये की ठगी हो चुकी है। हाल के दिनों में गैस कनेक्शन उपभोक्ता भी इनके शिकार हो रहे हैं।
ठगों के पास स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं का डाटा
आमोद कुमार के पास अंजान नंबर से कॉल आया और खुद को बिजली विभाग का कर्मी बताते हुए बात करने लगा। बोला कि आपके स्मार्ट मीटर को अपडेट करना है। उसने कितना बैलेंस बचा है यह भी बता दिया। स्मार्ट मीटर का ऐप खोलकर देखे तो पता चला वह सही जानकारी दे रहा था। बोला कि अपना मीटर अपडेट करा लीजिए, नहीं तो ज्यादा पैसा लगेगा। फिर वह मीटर अपडेट करने के लिए राजी हो गए।
इसके बाद उनके वॉट्सऐप पर इलेक्ट्रिक सिटी बिल अपडेट नाम से एपीके फाइल भेजा गया था। उस पर क्लिक करने के बाद उनसे बोला गया कि दस रुपये रिचार्ज करिए। उन्होंने फोन पे के माध्यम से दस रुपये जमा कर दिए। इसके बाद उनके मोबाइल का स्क्रीन काला हो गया और सभी मैसेज डिलीट हो गए।
कुछ देर बाद उन्हें पता चला कि उनके खाते से पांच बार में 79 हजार रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर हो गए। ऐसे में सवाल उठने लगा कि ठगों के पास यह जानकारी कैसे पहुंच रही कि उपभोक्ता के ऐप में कितना बैलेंस बचा है? उन्होंने साइबर थाने में केस किया।
केस नंबर 1
दस मिनट में कट जाएगा कनेक्शन
कदमकुआं निवासी युवती के मोबाइल पर वॉट्सऐप पर कॉल आया। बोला कि आपका बिजली कनेक्शन दस मिनट में काट दिया जाएगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक बिल अपडेट नहीं किया गया है। उसने दो से तीन मिनट बात की और उनसे ऐप डाउनलोड कराते हुए मोबाइल को रिमोट पर ले लिया। ठग ने दूसरे दिन फिर दूसरे नंबर से कॉल किया। बोला कि स्मार्ट मीटर अपडेट नहीं हुआ है। उनके खाते से 2 लाख 10 हजार की निकासी कर ली गई।
केस नंबर 2
लिंक भेज मीटर अपडेट करा उड़ा दिया 90 हजार
पटना सिटी निवासी मुकेश कुमार के मोबाइल पर मैसेज आया। बिजली बिल अपडेट नहीं होने से बिजली काटने की बात कहीं गई। साथ में एक मोबाइल नंबर दिया गया, जिसे बिजली विभाग का बताया गया। उन्होंने उस नंबर पर संपर्क किया तो उन्हें बिजली बिल अपडेट कराने के नाम पर ऐप डाउनलोड कराया गया और फिर दस रुपये का भुगतान करने को कहा गया। ठगों ने ऐप के जरिए मोबाइल हैक कर उनके खाते से 90 हजार की निकासी कर ली।
केस नंबर 3
ओटीपी पूछकर खाली कर दिया खाता
कदमकुआं निवासी भुवन कुमार के मोबाइल पर शाम में अंजान नंबर से फोन आया। खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताया। बोला कि बिजली का मीटर अपडेट नहीं है। उसे अपडेट करना है। इसके लिए आपके मोबाइल पर एक ओटीपी जा रहा है, आप उसे तत्काल बताएं। ठग ने उनसे ओटीपी पूछकर उनके खाते से 73 हजार की निकासी कर ली।
केस नंबर 4
गैस कनेक्शन काटने के नाम पर 4.69 लाख की ठगी
सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी शास्त्रीनगर में रहते हैं। उनके मोबाइल पर गेल गैस कनेक्शन के नाम से मैसेज आया। मैसेज में बताया गया कि रात में आपका गैस कनेक्शन बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद उसी नंबर से कॉल आया। उसने खुद को गेल कंपनी का कर्मी बताते हुए खुद का नाम बताया। काफी देर तक बात किया। इसके बाद उनके मोबाइल पर खाते से 99 हजार निकासी का मैसेज आया। पूछने पर बोला कि पैसा वापस हो जाएगा। इसके बाद तीन अन्य मैसेज से पता चला कि उनके खाते से 4.69 लाख की ठगी हो गई है।
रहें सतर्क
इस तरह के मैसेज या काल आने पर सावधान रहें। गैस या बिजली कंपनी की तरफ से कोई फोन नहीं आता है। गलती से भी किसी अंजान लिंक पर क्लिक न करें। गैस कनेक्शन, बिजली मीटर या बिजली बिल अपडेट करने के नाम पर किए जा रहे फोन काल पर कोई भी जानकारी साझा न करें एवं उनके किसी भी निर्देशों का पालन न करें। उपरोक्त जानकारी सीधे प्रत्यक्ष रूप से संबंधित कार्यालय या बैंक जाकर पता करें।
इस तरह के ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। यदि आपके पास इस तरह का मैसेज आता है तो सावधान रहें। इन मामलों में केस दर्ज कर जांच की जा रही है। - राघवेंद्र मणि त्रिपाठी डीएसपी साइबर थाना
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