अगर शादी का निमंत्रण आए ऐसे, तो हो जाएं सावधान, लिंक पर क्लिक करते ही बैंक खाता हो जाएगा खाली
Digital Arrest आजकल साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को अपना ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट ओमित पंवार और सचिन ने छात्रों को मोबाइल फोन और इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल से जुड़ी कई अहम जानकारियां दीं। इस लेख के माध्यम से एक क्लिक में जानिए कैसे आप खुद को और अपने परिचितों को साइबर ठगी से बचा सकते हैं।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। डिजिटल उपयोग की ओर लोगों के बढ़ते कदम कभी आसानी तो कभी परेशानी का कारण बन रहे हैं। हर हाथ में मोबाइल और ऑनलाइन बैंकिंग में जानकारियों की कमी और जागरूकता के अभाव का साबइर अपराधी लाभ उठा कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं।
सोमवार को साइबर एक्सपर्ट ओमित पंवार और सचिन ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क तीन स्थित एक्युरेट कॉलेज में दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे लुटेरा ऑनलाइन अभियान में छात्र-छात्राओं को मोबाइल फोन व इंटरनेट मीडिया के उपयोग को लेकर कई अहम जानकारियां दी।
विसिंग से जाल में फंसाते, करीबी बनकर झांसे में लेते
साइबर एक्सपर्ट ओमित पंवार ने बताया साइबर अपराधी विसिंग से यानी अनजान नंबरों से आपके मोबाइल फोन पर काल या मैसेज करते हैं। इसके बाद एआई की मदद से दोस्त व रिश्तेदार बनकर किसी के अस्पताल में भर्ती होने व इलाज के नाम पर रुपये ट्रांसफर करा लेते हैं।
इसी साइबर अपराधी अनजान नंबर से एपीके फाइल (एंड्रायड मोबाइल में इंस्टाल करने का डेटा) के रूप में शादी का निमंत्रण पत्र या अन्य संदेश भेजते हैं। इन फाइल पर क्लिक करते ही लिंक सामने आता है। लिंक पर क्लिक करते ही साइबर अपराधी आपका मोबाइल हैक कर लेते हैं।

एक्यूरेट कॉलेज में लुटेरा ऑनलाइन अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला में जागरूक करते साइबर एक्सपर्ट ओमित पंवार। जागरण
इसके बाद रुपये के अलावा जरूरी पर्सनल डेटा भी ट्रांसफर कर लेते हैं। जिसका दुरुप्रयोग करते हैं। इसलिए अनजान नंबरों से आने वाली एपीके फाइलों को बिलकुल न खोलें।
देश में डिजिटल गिरफ्तारी का कानून में प्रावधान नहीं
साइबर एक्सपर्ट सचिन तेवतिया ने छात्र-छात्राओं को बताया कि देश में डिजिटल गिरफ्तारी का कानून में कोई प्रावधान नहीं है। बताया कई ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसमें साइबर अपराधी ने अनजान नंबर से फोन कर स्वजन को बताते हैं कि आपका करीबी दुष्कर्म या तस्करी आदि में संलिप्त था।
जिसे गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट दर्ज की गई है। करीबी को बचाना चाहते हैं तो अधिकारी से बात कर लेने देन से कार्रवाई से बच सकते हैं। सचिन ने बताया कि इस तरह के झांसे में न आएं।
दैनिक जागरण की पहल सराहनीय, ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए
वर्तमान में साइबर अपराधियों के बड़े बड़े कारनामे सामने आ रहे हैं। इनके चंगुल में फंसकर कोई ठगी का शिकार हो रहा है तो कोई ब्लैकमेल।
यह अपराधी, मोबाइल फोन पर काल कर, मैसेज भेजकर या लिंक आदि शेयर कर लोगों को फंसाते हैं। इसको लेकर दैनिक जागरण का अभियान सराहनीय है। ऐसे आयोजन समय समय पर होते रहने चाहिए।
आलोक सिंह, एडमिन अधिकारी, एक्युरेट कॉलेज
यह बने साइबर योद्धा
दैनिक जागरण के अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में साइबर अपराध और आनलाइन ठगी के कई तरीके पता चले हैं। इंस्ट्राग्राम व फेसबुक पर अनजान लोगों को दोस्त नहीं बनाना है।
सुहानी रस्तोगी, छात्रा, बीटेक
कार्यक्रम में हम इस बात के लिए जागरूक हुए हैं कि अनजान लोगों को अपना मोबाइल नंबर शेयर नहीं करना है। वह नंबर का दुरुप्रयोग कर सकते हैं। साबइर अपराधी किस तरह से जाल में फंसाते हैं यह भी जानकारी मिली।
ध्रुव गर्ग, छात्र, बीबीए
एक्सपर्ट से पता चला कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी फोटो व वीडियो अपलोड करने से बचना चाहिए। साइबर अपराधी एआइ के माध्यम से इनका दुरुप्रयोग कर सकते हैं। जानकारी के लिए दैनिक जागरण का धन्यवाद।
आयुषी राज, छात्रा, बीबीए
हमें पर्सनल डिटेल किसी को शेयर नहीं करनी है। अनजान मोबाइल नंबर से आने वाली एपीके फाइलों के लिंक पर क्लिक नहीं करना है। इससे मोबाइल हैक कर साइबर अपराधी रुपये व पर्सनल डेटा ट्रांसफर कर दुरुप्रयोग कर सकते हैं।
युक्ति युवराज सिंह, छात्र, बीटेक
साइबर एक्सपर्ट से जानकारी मिली कि एलइए एजेंसी के अंतर्गत ही इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटाप व अन्य उपकरण आते हैं। इन्हीं का दुरुप्रयोग कर साइबर अपराधी लोगों को तमाम तरीकों से ठगी का शिकार बनाते हैं।
लक्ष्यिका, छात्रा, बीसीए
ऑनलाइन ठगी किस तरह से की जा रही है। साइबर ठग कैसे लोगों को झांसे में लेते हैं। क्या-क्या तरीके अपनाते हैं। इनसे किस तरह बचा जा सकता है। साइबर एक्सपर्ट ने इन बातों को लेकर जागरूक किया है। इसके लिए दैनिक जागरण का धन्यवाद।
अदीबा, छात्रा, बीसीए
साइबर एक्सपर्ट से पता चला कि एआइ का किस तरह से साइबर अपराधी दुरुप्रयोग करते हैं। किस तरह लोगों को मैसेज व लिंक भेजकर फंसाते हैं। कभी करीबी बनकर तो कभी पर्सनल फोटो व वीडियो एडिट कर वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल करते हैं।
ईशु कुमार, छात्र, बीसीए
दैनिक जागरण के कार्यक्रम में एक्सपर्ट से पता चला कि साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। लेकिन इन सबका माध्यम इंटरनेट मीडिया ही होता है। हमें इंंटरनेट मीडिया प्रयोग करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं, जानकारी हुई।
विक्की मिश्रा, छात्र, बीसीए
कार्यक्रम में साइबर ठगी से बचने के तरीके पता चले हैं। जो कि दोस्तों और स्वजनों को भी बताएंगे। ताकि वह साइबर ठगों के झांसे में नहीं आएं। मोबाइल फोन व इंटरनेट मीडिया की जानकारी ही बचाव है। अधूरी जानकारी से ठगी का शिकार हो सकते हैं।
लक्ष्मी नारायण सिंह, छात्र, बीसीए
दैनिक जागरण के आयोजन में पता चला है कि मोबाइल फोन अनजान लोगों को नहीं देना है। न ही अनजान लोगों को इंस्ट्राग्राम व फेसबुक पर फ्रेंड बनाना है। यदि कभी कोई समस्या आए तो सबसे पहले स्वजन से शेयर करनी है।

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