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    24 घंटे में अगर एक बार अपने फोन में नहीं किया ये काम, तो साइबर ठगी के हो सकते हैं शिकार

    Updated: Tue, 24 Dec 2024 07:47 PM (IST)

    Digital Arrest साइबर अपराध या ठगी से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। दैनिक जागरण की ऑनलाइन लुटेरा कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर सुरक्षा के तीन चक्रों के बारे में बताया। इस खबर के माध्यम से जानें कैसे आप खुद को साइबर ठगी से बचा सकते हैं। क्योंकि ये खबर आपके और आपके अपनों के लिए जानना बहुत जरूरी है।

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    सेक्टर-70 की पैन ओएसिस सोसायटी में दैनिक जागरण का साइबर लुटेरा कार्यक्रम का हुआ आयोजन।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। अपराधी अप सामने से नहीं छिपकर वार करने लगे हैं। साइबर क्राइम भी इसी का उदाहरण है। जागरूकता के अभाव में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। इंटरनेट की दुनिया का दायरा जितनी तेजी से बढ़ रहा है।

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    साइबर क्राइम का ग्राफ भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को सेक्टर-70 स्थित पैन ओएसिस सोसायटी में दैनिक जागरण की ऑनलाइन लुटेरा (Online Lutera) कार्यशाला का आयोजन हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि 24 घंटों में एक बार अपने मोबाइल फोन का इंटरनेट जरूर बंद करें। कार्यशाला में एसीपी-1 सेंट्रल नोएडा राजीव कुमार गुप्ता के साथ साइबर थाने से एक्स्पर्ट्स मौजूद रहे।

    एसीपी राजीव कुमार ने बताया कि साइबर ठगी से जागरूकता ही बचाव है। वर्चुअल दुनिया में अनजान लोगों के संपर्क में आने से बचें। फोन में गैर जरूरी एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं करें। अपने साथ दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें।

    मोबाइल फोन की प्राइवेसी करें इस्तेमाल 

    थाना फेज-3 के सब इंंस्पेक्टर निखिल ने बताया कि साइबर किसी भी तरह की एपीके फाइल को डाउनलोड नहीं करें। इंटरनेट मीडिया की वाल पर दिखने वाली सस्ती चीजों की खरीद करने से बचें। मोबाइल फोन की प्राइवेसी का उपयोग करें। संदिग्ध नंबर से काल आने पर उसको ब्लॉक करते हुए रिपोर्ट करें।

    साइबर थाने से साइबर एक्स्पर्ट संतोष तिवारी ने कहा साइबर सुरक्षा के तीन चक्र हैं। पहला सेफ सर्फिंग है। जो जरूरी है इंटरनेट पर वही सर्च करें। सर्च की गई चीज पर एक बार में भरोसा नहीं करें। दूसरा सर्विलांस हैं।

    तीसरा सिक्योरिटी है। मोबाइल फोन में कुछ जरूरी फीचर्स होते हैं। वह आपकी और आपकी निजी सुरक्षा के लिए है। फीचर्स को जानें और उनका सुरक्षा के लिए उपयोग करें। बिजली बिल, गैस कनेक्शन के भुगतान के लिए किसी तरह का लिंक डाउनलोड करने के लिए आपको कहा जा रहा है तो वह नहीं करें।

    ऐसा नहीं करने पर आप हो सकते हैं साइबर ठगी के शिकार 

    संबंधित विभाग या कंपनी में जाकर फिजीकल मोड पर भुगतान करने का प्रयास करें। अभिषेक कुमार ने कहा कि साइबर ठगी से बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर ठगी के मामले सबसे अधिक बुजुर्गों के साथ देखे जा रहे हैं।

    नोएडा सेक्टर-70 स्थित पैन ओएसिस सोसायटी में लुटेरा ऑनलाइन अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला में मौजूद लोगों को जानकारी देते सेंट्रल नोएडा जोन के एसीपी-1 राजीव कुमार गुप्ता (बाएं से तीसरे)। साथ में मौजूद उन निरीक्षक संदीप कुमार (बाएं से दूसरे), एओए अध्यक्ष सुनील शर्मा (दाएं से तीसरे), साइबर थाना के एक्सपर्ट संतोष तिवारी (दाएं से दूसरे), अभिषेक (दाएं से पहले)और गौरव (बाएं से पहले)। जागरण

    स्टाक मार्केट में निवेश कर मोटी कमाई के लालच में किसी पर यकीन नहीं करें। आधिकारिक बेवसाइट या एजेंसी के माध्यम से ही निवेश करें। ऐसा नहीं करने पर आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं।

    पैन ओएसिस सोसायटी के एओए अध्यक्ष सुनील शर्मा ने दैनिक जागरण की कार्यशाला की सराहना की। पुलिस और दैनिक जागरण की टीम का इस आयोजन के लिए धन्यवाद किया।

    यह बने साइबर योद्धा

    दैनिक जागरण की कार्यशाला सराहनीय है। इसमें बहुत कुछ सीखने को मिला। इस मुहिम से मैं भी जुडूंगा। साइबर सुरक्षा के बारे में मैं अपने सभी परिचितों को बताऊंगा।

    मोबाइल फोन का उपयोग सुविधा के लिए है। इसका उपयोग सुविधा के लिए ही किया जाना चाहिए। अधिक और गैर जरूरी चीजों में उपयोग लोगों के साथ ठगी की वजह बन रहा है।

    वाइके अग्रवाल

    जागरूकता के कमी से साइबर ठगी की घटनाएं हो रहीं हैं। कार्यशाला में बहुत लोग मौजूद थे। इनमें से बहुत कम इस बारे में जानते थे। कार्यशाला के माध्यम से हर किसी को अब यह जानकारी हो चुकी है।

    राजेंद्र सिंह

    हमने प्रयास किया कि अधिक से लोग इस अभियान में जुड़कर जागरूक हो सकें। सोसायटी के दो से तीन लोगों को साइबर वालंटियर्स बनाकर पुलिस के साथ काम करने को तैयार किया जाएगा।

    नीरू

    शहर में लोग तकनीकी क्षेत्र में काम कर रहे हैं लेकिन साइबर ठग तकनी के साथ अपने दिमाग का उपयोग कर लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे में हम सभी के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है।

    डा. उममा गुप्ता

    कार्यशाला में पता चला कि अनजान नंबरों से आ रहे काल नहीं उठाने हैं। अगर गलती से उठाकर कोई डराता या धमकाता है तो उस वक्त दिमाग से काम लेकर पुलिस को सूचित करना है।

    गिन्नी मित्तल

    साइबर ठग घटना को अंजाम देने से पहले लोगों के दिमाग को कंट्रोल में लेते हैं। हमको भी उसी स्तर से सोचना चाहिए। अपने दिमाग पर खुद का ही कंट्रोल रखना है और दूसरों को भी जागरूक करना है।

    शिखा कपिला

    इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए। साइबर ठग लोगों की कमाई और जमा पूंजी को उनसे छीन रहे हैं। इसकी सुरक्षा हमको खुद ही अपने स्तर से करनी है।

    ज्योति

    मोबाइल फोन में जो सुरक्षा के फीचर्स हैं उनका उपयोग करेंगे। रात को सोते समय इंटरनेट बंद करेंगे।सुविधा के लिए गूगल से नंबर सर्च कर काल करने के बजाए कंपनी या ब्रांड की ऐप के माध्यम से नंबर लेंगे।

    अंजलि सपरा

    जो बातें कार्यशाला में बताई गईं वह सभी को जाननी चाहिए। अगर हर व्यक्ति इस बारे में जागरूक होता है तो साइबर ठगी की घटनाएं शत प्रतिशत कम हो जाएंगी। यह सब हमको ही करना होगा।

    शिविका

    बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन नहीं देना चाहिए। बच्चे मोबाइल में क्या देख रहे हैं या कौन से वीडियो गेेम खेल रहे हैं इस पर भी नजर रखनी चाहिए। साइबर ठग बच्चों के जरिए भी घटनाएं कर सकते हैं।

    वीपी शर्मा

    हर सोसायटी और सेक्टर में एओए और आरडब्ल्यूए हैं। साइबर ठग इंटनेट मीडिया को वारदात के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। हमको इंटरनेट मीडिया का उपयोग लोगों को जागरूक करने के लिए करना चाहिए।

    सीपी आहूजा

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