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    Bihar Politics: वो हॉट सीट, जहां भाजपा का होगा लेफ्ट से सीधा मुकाबला; क्या BJP लगा पाएगी जीत की हैट्रिक?

    Updated: Mon, 01 Apr 2024 03:30 PM (IST)

    इस बार गिरिाज सिंह के लिए इस कारण कड़ी चुनौती है क्योंकि महागठबंधन के नेतृत्व में वाम दल के साथ कांग्रेस और राजद भी है। पिछली बार भाकपा और राजद यहां अलग-अलग चुनाव लड़े थे। चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बेगूसराय में भाजपा का फिर से कमल खिलेगा या कॉमरेड का झंडा लहराएगा।

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    वो हॉट सीट, जहां भाजपा का होगा लेफ्ट से सीधा मुकाबला; क्या BJP लगा पाएगी जीत की हैट्रिक? (फाइल फोटो)

    दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार में बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र को वामपंथ के गढ़ के रूप में माना जाता है। यहां सबसे अधिक भूमिहार मतदाता हैं और यह सीट हमेशा की तरह इस बार भी 'हॉट' बनी हुई है। पिछले दो चुनाव में इस सीट पर भाजपा जीती है और इस बार भी वह हैट्रिक की आशा में है।

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    वहीं, महागठबंधन के साथ खड़ी भाकपा का प्रयास भाजपा को जीत से रोकने का है। इसमें राजद व कांग्रेस के मतदाता उसका साथ दे सकते हैं। 2014 में भाजपा के भोला सिंह ने पहली बार बेगूसराय में कमल खिलाया था, फिर 2019 में भाजपा के गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को हराया।

    गिरिराज के लिए कड़ी चुनौती

    इस बार गिरिाज सिंह के लिए इस कारण कड़ी चुनौती है, क्योंकि महागठबंधन के नेतृत्व में वाम दल के साथ कांग्रेस और राजद भी है। पिछली बार भाकपा और राजद यहां अलग-अलग चुनाव लड़े थे। चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बेगूसराय में भाजपा का फिर से 'कमल' खिलेगा या कॉमरेड का झंडा लहराएगा।

    वैसे बेगूसराय हमेशा से हॉट सीट रही है। 2019 के चुनाव में गिरिराज सिंह को 6 लाख 92 हजार 193 वोट मिले थे। वहीं, भाकपा के कन्हैया कुमार 2 लाख 6 हजार 976 वोटों की प्राप्ति हुई थी। इसके अलावा, राजद के तनवीर हसन 1 लाख 98 हजार 233 वोट प्राप्त करके तीसरे नंबर पर रहे थे।

    निर्दलीय प्रत्याशी सौरभ को 18 हजार 638 और निर्दलीय उम्मीदवार शंभू कुमार को 10 हजार 119 वोट मिले थे, लेकिन इस बार बेगूसराय सीट पर एनडीए के भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह और महागठबंधन यानी आइएनडीआइए के भाकपा प्रत्याशी अवधेश राय के बीच सीधे मुकाबला है, इसलिए राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि बेगूसराय में भाजपा को जीत की हैट्रिक लगाने हेतु अवधेश राय से जोर आजमाइश करनी होगी।

    ज्यादा समय कांग्रेस का रहा दबदबा

    • बेगूसराय का जब परिसीमन नहीं हुआ था, तब इससे पहले दो लोकसभा क्षेत्र थे- बेगूसराय और बलिया। साल 2009 में परिसीमन हुआ तो दोनों को मिलाकर एक लोकसभा क्षेत्र कर दिया गया। परिसीमन से पहले की बेगूसराय सीट के चुनावी इतिहास पर गौर करें तो यहां कांग्रेस का ही दबदबा रहा है।
    • 1952 और 1957 के चुनाव में कांग्रेस के मथुरा प्रसाद मिश्र जीते थे। 1967 के चुनाव में भाकपा के योगेंद्र शर्मा जीते। 1971 के चुनाव में कांग्रेस के श्यामनंदन मिश्र जीते थे। इसके बाद 1977 के चुनाव में श्यामनंदन मिश्र जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते।
    • 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस की कृष्णा शाही ने जीत हासिल की। 1989 में जनता दल के टिकट पर ललित विजय सिंह, 1991 में कांग्रेस के टिकट पर कृष्णा शाही, 1996 में भाकपा के रमेन्द्र कुमार और 1998 तथा 1999 के चुनाव में कांग्रेस के राजो सिंह जीते थे।
    • 2004 में जदयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, 2009 के चुनाव में जदयू के मोनाजिर हसन जीते। इसके बाद 2014 के चुनाव में भाजपा का पहली बार कमल खिला और भोला सिंह विजयी हुए। 2019 में भाजपा ने फिर कमल खिलाया और गिरिराज सिंह जीते।

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