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    Bihar: खेलो इंडिया यूथ गेम्स से पहले बिहार ने बनाए 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड, मिथिला पेंटिंग भी बना आकर्षण का केंद्र

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 10:56 AM (IST)

    खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 (Khelo India Youth Games 2025) से पहले बिहार ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं। इनमें 50 फीट की मिथिला पेंटिंग और 375 बाल लामाओं द्वारा सिंगिंग बाउल का प्रदर्शन शामिल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पाटलिपुत्र खेल परिसर में तैयारियों का जायजा लिया और कलाकारों को सम्मानित किया। यह आयोजन बिहार में खेलों को बढ़ावा देगा।

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    सीएम नीतीश कुमार ने विश्व की सबसे बड़ी मधुबनी पेंटिंग का किया अवलोकन। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटना। Khelo India Youth Games 2025: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है। चार मई को शुरू हो रहे इस आयोजन से पहले ही बिहार ने दो बड़े रिकॉर्ड बना दिए हैं।

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    तैयारी का जायजा लेने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पाटलिपुत्र खेल परिसर पहुंचे तो दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाणपत्र गिनीज बुक के निर्णायक ऋषिनाथ ने उन्हें सौंपा।

    इनमें एक तो 50 फीट की मिथिला पेंटिंग और दूसरी 375 बाल लामाओं के सिंगिंग बाल के साथ प्रदर्शन का रिकॉर्ड शामिल है। बाल लामाओं ने बोधगया में सिंगिंग बाल के साथ प्रस्तुति दी थी। यह विश्व रिकॉर्ड है। इससे पहले 100 बाल लामाओं की प्रस्तुति का ही रिकॉर्ड था।

    लगातार 50 घंटे काम कर तैयार की मिथिला पेंटिंग

    बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रण शंकरण ने मुख्यमंत्री को तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने सेंट्रल कंट्रोल एवं कमांड सेंटर, कॉन्फ्रेंस हॉल, स्टेडियम का घूम-घूमकर जायजा लिया। अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

    इस क्रम में खिलाड़ियों और कलाकारों के पूर्वाभ्यास का भी उन्होंने अवलोकन किया। मुख्यमंत्री 50 फीट की मिथिला पेंटिंग देखकर काफी प्रसन्न नजर आए। इस पेंटिंग को 50 कलाकारों ने 50 घंटे में तैयार किया है।

    पद्मश्री अलंकृत बौआ देवी के नेतृत्व में मिथिला चित्रकला संस्थान, सौराठ के कलाकारों ने लगातार काम कर यह आकर्षक पेंटिंग बनाई है।

    खेलो इंडिया में कई खेलों का रोमांच बिहार में दिखेगा। सेपक टाकरा, एथलेटिक, रग्बी, वालीबाल, बास्केटबाल, बॉक्सिंग, टेनिस, जूडो, कुश्ती, साइकिलिंग रोड, साइकिलिंग ट्रैक, सेपक टाकरा, तलवारबाजी, कबड्डी, भारोत्तोलन, हॉकी, टेबल टेनिस, मल्लखंभ, कलारीपयट्टू, योगासन, गतका, खो-खो, थंग टा, स्वीमिंग, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, जिमनास्टिक और शूटिंग जैसी प्रतियोगिताएं होंगी।

    खेल स्थान तिथि
    एथलेटिक पाटलिपुत्र खेल परिसर 12-14 मई
    रग्बी पाटलिपुत्र खेल परिसर 06-09 मई
    वॉलीबॉल पाटलिपुत्र खेल परिसर 04-08 मई
    बास्केटबॉल पाटलिपुत्र खेल परिसर 10-15 मई
    बॉक्सिंग खेल परिसर रेलवे (पटना) 10-14 मई
    टेनिस आईएएस भवन (पटना) 10-14 मई
    जूडो ज्ञान भवन (पटना) 05-08 मई
    कुश्ती ज्ञान भवन (पटना) 11-15 मई
    साइकिलिंग (रोड) जेपी पथ (पटना) 13-14 मई
    साइकिलिंग (ट्रैक) आईजीएससी (दिल्ली) 06-08 मई
    सेपक टाकरा बीएसएपी (पटना) 05-10 मई
    तलवारबाजी राजगीर इंडोरहाल-2 11-15 मई
    कबड्डी राजगीर इंडोरहाल-2 04-08 मई
    भारोत्तोलन राजगीर इंडोरहाल-4 10-14 मई
    हॉकी हॉकी स्टेडियम राजगीर 07-13 मई
    टेबल टेनिस राजगीर इंडोरहाल-1 06-10 मई
    मल्लखंभ आईआईएम बोधगया-1 05-08 मई
    कलारीपयट्टू आईआईएम बोधगया-1 11-13 मई
    योगासन आईआईएम बोधगया-2 11-14 मई
    गतका आईआईएम बोधगया-2 05-07 मई
    खो-खो बीआईपीएआरडी बोधगया 05-09 मई
    थंग टा बीआईपीएआरडी बोधगया 12-14 मई
    स्वीमिंग बीआईपीएआरडी बोधगया 05-09 मई
    तीरंदाजी सैंडिस कंपाउंड भागलपुर 04-07 मई
    बैडमिंटन सैंडिस कंपाउंड भागलपुर 10-13 मई
    फुटबॉल (पुरुष) यमुना भगत स्टेडियम बेगूसराय 05-14 मई
    फुटबॉल (महिला) आईओसीएल बरौनी बेगूसराय 05-14 मई
    जिमनास्टिक 10-14 मई
    शूटिंग डॉ. करनी सिंह शूटिंग रेंज दिल्ली 05-10 मई

    मिथिला पेंटिंग पर सीता-राम की कलाकृति, यूथ गेम्स को दिलाएगी ख्याति

    खेल इंडिया यूथ गेम्स को लेकर विश्व की सबसे बड़ी मिथिला पेंटिंग के निर्माण ने गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। खिलाड़ियों का ध्यान आकर्षित करने को लेकर बनाई गई मिथिला पेंटिंग आकर्षण का केंद्र होगा।

    मिथिला पेंटिंग के बारे में बौआ देवी बताती हैं कि सौराठ में कुछ दिन पूर्व से कार्य आरंभ हो गया था। पेंटिंग में मुख्य रूप से दुल्हा-दुल्हन, राम सीता की कलाकृति को उकेरा गया है। इस पेंटिंग में डोली-कहार आदि दृश्य का चित्रण किया गया है। अलग-अलग रंगों का प्रयोग कर कलाकारों ने दिन रात एक कर इसे तैयार किया है।

    रविवार को पेंटिंग सौराठ से पटना लाई गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पाटलिपुत्र खेल परिसर में खेल की तैयारियों का जायजा लेने के साथ पेंटिंग बनाने वाली कलाकार बौआ देवी को भी सम्मानित किया।

    मधुबनी जिले के जितवारपुर गांव की रहने वाली बौआ देवी को भारत सरकार की ओर से 2017 में पद्मश्री पुरस्कार से अलंकृत किया गया था। बौआ देवी बताती है इस प्रकार की पेंटिंग बना कर देश-विदेश का ध्यान आकर्षित किया है।

    मिथिला पेंटिंग की लोकप्रियता देश-विदेश में है। संगीत के जरिए मिलती है चित्र बनाने की प्रेरणा बौआ देवी बताती हैं कि कलाकृतियों को बनाने की कल्पना गीत-संगीत से आती है। पारंपरिक गीत के जरिए मिथिला पेंटिंग बनाती हैं।

    उन्होंने बताया कि मिथिला की लोक संस्कृति समृद्ध होने के साथ सशक्त रही है। आरंभ के दिनों में खास मौके पर पेंटिंग को बनाया जाता था, लेकिन अब यह कला कैनवास पर बनाए जाने लगे।

    वो बताती हैं कि सबसे ज्यादा खुशी इस बात की होती है कि पेंटिंग को लोगों का प्यार मिलता रहा है। गांव से निकलकर कला देश-दुनिया में पहुंच गई। पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है।

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